उन्नाव : वेरीफिकेशन के बाद ही शिक्षक बनेंगे कक्ष निरीक्षक
जागरण संवाददाता, उन्नाव : वर्ष 2018 में होने वाली यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल का कोई चांस न हो इसके लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद सख्ती बरतने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार कई नए फैसले हुए हैं। कैमरे की निगरानी में परीक्षा कराते हुए शिक्षकों को कक्ष निरीक्षक बनाने से पहले सत्यापन कार्य किया जाएगा। यह व्यवस्था वित्तविहीन स्कूलों के लिए लागू हुई है। डीआइओएस स्तर से कार्रवाई तेज है।
शुक्रवार को डिप्टी सीएम डा. दिनेश शर्मा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में बोर्ड परीक्षा की तैयारियों का जायजा लेते हुए कई आदेश जारी किए हैं। कड़े नियमों के बीच हाईस्कूल और इंटर विषयों की परीक्षा होगी। परीक्षा केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकों की भूमिका निभाने वाले शिक्षकों पर इस बार सख्त नियम लागू हैं। ड्यूटी तय करने से पूर्व शिक्षकों का वेरीफिकेशन करते हुए शैक्षिक मूल्यांकन भी किया जाएगा। वित्तविहीन स्कूलों पर सख्ती से व्यवस्था लागू है। स्कूल प्रशासन को भी इसके लिए अलर्ट कर दिया गया है। प्रधानाचार्य व प्रबंधक को निर्देश जारी हुए कि वह अपने यहां के शिक्षकों की नियुक्ति पत्र के साथ उनका प्रमाण पत्र संलग्न करें। सत्यापन के बाद ही कक्ष निरीक्षक को लेकर शिक्षक फाइनल किए जाएंगे। किसी भी प्रकार का भ्रमित करने वाला जवाब देने या फिर जांच में त्रुटि मिली तो निलंबन और बर्खास्त किए जाने की कार्रवाई की जाएगी। किसी प्रकार की कोई जवाबदेही तय नहीं होगी।
अभी तक यह होता था
वर्ष 2018 बोर्ड परीक्षा में लागू नई व्यवस्थाओं से पूर्व शिक्षकों की ड्यूटी कक्ष निरीक्षक में लगने की कार्रवाई कागजी होती थी। प्रधानाचार्य व प्रबंधक द्वारा शिक्षकों के नाम विषयवार डीआइओएस कार्यालय भेजे जाते थे। विषयवार शिक्षकों में कई बार विज्ञान के बदले गणित विषय का शिक्षक बता कक्ष निरीक्षक बना दिए जाते थे। यह सब परीक्षार्थी को फायदा पहुंचाने के लिए होता था। क्योंकि, विज्ञान विषय में ड्यूटी लगने के बाद गणित (विषय बदलकर) विषय के शिक्षक को मौका मिल जाता था।
वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों का वेरीफिकेशन होने के बाद ही उन्हें कक्ष निरीक्षक बनाया जाएगा। बोर्ड के आदेशों के अवेहलना बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राकेश कुमार, डीआइओएस