सिद्धार्थनगर : दर्जन भर विद्यालयों की स्थिति जर्जर, सुरक्षा पर खतरा, नौनिहालों की सुरक्षा भगवान भरोसे है, इसके बाद विभागीय जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए
सिद्धार्थनगर : भनवापुर विकास खंड अन्तर्गत प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों की कुल संख्या 225 है, जिसमें दर्जनों स्कूल भवनों की स्थिति दयनीय है। अति जर्जर भवन कब गिरकर कोई खतरा पैदा कर दें, कुछ कहा नहीं जा सकता है। नौनिहालों की सुरक्षा भगवान भरोसे है, इसके बाद विभागीय जिम्मेदार मूकदर्शक बने हुए हैं।
जर्जर भवनों पर नजर डालें तो दो विद्यालयों के भवन एक सप्ताह के भीतर धराशायी हो गए हैं। इसमें महतिनिया खुर्द व भनवापुर का स्कूल शामिल है। महतिनियां खुर्द में चार स्टाफ सहित 221 बच्चों का नामांकन है। यहां पिछले दिनों रसोईघर के पास स्थित अतिरिक्त कक्ष की दो दीवारें गिर गई। अब छत कब जमींदोज हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है। भनवापुर में चार स्टाफ सहित कुल 159 बच्चे नामांकित हैं। रविवार रात यहां का गोल भवन भी ढह गया। गनीमत रही कि उस समय शिक्षण कार्य नहीं हो रहा था, वरना बड़ी दुर्घटना हो सकती थी। ऐसे भवनों की संख्या दर्जन भर से ऊपर है, जो गिरने की कगार पर हैं। विभाग को इस समस्या की जानकारी भी है, बावजूद इसके निराकरण की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। प्राथमिक विद्यालय मल्हवार, पड़िया, वीरपुर ऐहतमाली, असनहरा माफी, जुड़वनिया, नक्थर देवरिया, सोहना, बघमरवा, गड़ावर आदि भवन निष्प्रयोज्य घोषित हैं। यह कभी भी किसी हादसे की वजह बन सकते हैं। प्रधानाध्यापक महतिनिया खुर्द चंद्रशेखर चौधरी का कहना है कि विद्यालय भवन के जर्जर होने की सूचना विभाग के उच्चाधिकारियों की दी जा चुकी है। वहीं अभिभावकों में विजय पाल, शिव बहादुर, अजोरा देवी, किरन, रामराज, रघुवंश पाण्डेय, तुलसीराम, ¨मटू, गीता देवी, कन्हैया लाल, विक्रम, श्यामरती, रामसुरेश आदि ने आला अधिकारियों से इस दिशा में जल्द से जल्द उचित कदम उठाए जाने की मांग की है।