लखनऊ : मदरसों को बंद करना समाधान नहीं, बल्कि समय के साथ आधुनिक होना होगा: योगी
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मदरसों को बंद करना समस्या का समाधान नहीं है। मदरसों को समय के साथ बदलकर आधुनिक होना होगा। यहां भी अंग्रेजी, कंप्यूटर, विज्ञान जैसे विषयों की पढ़ाई होनी चाहिए। मैं तो संस्कृत विद्यालयों से भी यही कहता हूं कि वहां भी पारंपरिक शिक्षा के साथ आधुनिक विषयों को पढ़ाया जाना चाहिए। यूपी सरकार बिना भेदभाव के हर तबके के विकास के लिए तत्पर है। वास्तविक विकास के लिए यह आवश्यक है कि योजनाएं सभी वर्गो के हितों को ध्यान में रखकर बनाई जाएं।
मुख्यमंत्री गुरुवार को उत्तर क्षेत्र के राज्यों के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रियों व अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, अल्पसंख्यकों के पास प्रतिभा तो है, लेकिन उनके पास मंच नहीं है। प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेंट योजना के जरिये क्रांतिकारी परिवर्तन आ सकता है। इस योजना के तहत हमने छह लाख युवाओं को पंजीकृत किया है। अब तक साढ़े चार लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इनमें डेढ़ लाख युवा ऐसे हैं जिनका कंपनियों में प्लेसमेंट भी हो चुका है। सरकार प्रतिभावान युवाओं को इस योजना के माध्यम से मंच प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रलय पर एक अहम जिम्मेदारी है। जिस प्रकार शरीर का कोई अंग काम करना बंद कर दे तो उसे दिव्यांग कहा जाने लगता है उसी प्रकार समाज का एक वर्ग उपेक्षित हो जाए तो उस पर क्या बीतती होगी इसकी कल्पना की जा सकती है। उपेक्षित वर्ग सरकार से अतिरिक्त नहीं मांग रहा होता है वह केवल सरकारी योजनाओं में अपना हिस्सा चाहता है। सरकारी योजनाएं आम जनता तक पहुंचाने की जिनकी जिम्मेदारी है उनकी जवाबदेही तय होनी चाहिए। जवाबदेही की कमी के कारण ही असंतोष पैदा होता है।
संवाद स्थापित नहीं करते अधिकारी : योगी ने कहा कि अधिकारी संवाद स्थापित नहीं करते हैं। ईमानदारी के साथ योजनाओं के बारे में लोगों को अवगत कराना होगा। अल्पसंख्यक आबादी में होर्डिग लगाकर उन्हें सरकार की योजनाएं बताएं। युवाओं व बुजुर्गो के साथ गोष्ठियां करके योजनाओं की जानकारी दें।