इलाहाबाद : न्यायिक सेवा समानता संघर्ष मोर्चा का क्रमिक अनशन: मुख्य परीक्षा में हिंदी भाषा का प्रश्न पत्र होने व अवसर की बाध्यता खत्म हो
इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश न्यायिक सेवा (मुख्य) परीक्षा में भाषा के प्रश्न पत्र हिंदी में भी बनाए जाने का मामला तूल पकड़ गया है। न्यायिक सेवा समानता संघर्ष मोर्चा का क्रमिक अनशन हाईकोर्ट के अंबेडकर चौराहे पर दूसरे दिन शनिवार को भी जारी रहा। प्रतियोगियों ने अल्टीमेटम दिया है कि इस मामले का निपटारा होने तक आंदोलन जारी रहेगा। 1प्रतियोगी मांग कर हैं कि सिविल जज (जूनियर डिवीजन) की मुख्य परीक्षा में भाषा का प्रश्न पत्र हिंदी में भी बनाया जाए। अभी तक यह अंग्रेजी में ही बन रहा है, जिससे हंिदूी भाषी छात्र छात्रओं को बेहद कम अंक मिल पाते हैं और शैक्षणिक रूप से पूरी दक्षता होने के बावजूद अंग्रेजी भाषी छात्रों के आगे उन्हें बढ़ने का मौका नहीं मिल पाता है।
इस परीक्षा में दिए जाने वाले चार अवसरों की बाध्यता भी खत्म करने की मांग शामिल है। संघर्ष मोर्चा के बैनर तले इलाहाबाद हाईकोर्ट के अंबेडकर चौराहे पर क्रमिक अनशन शुरू किया गया है। रामकरन निर्मल, रजनी मद्देशिया, आशीष पटेल, गजेंद्र सिंह यादव सहित काफी संख्या में अन्य छात्र छात्रएं शामिल रहे।