संतकबीरनगर : विद्यालयों में बच्चों की पढ़ाई अधूरी, पढ़ाई में अधिकांश विद्यालय में कोरम पूरा किया जा रहा, अधिकारी भी स्कूलों में संख्या, साफ सफाई और भोजन की गुणवत्ता की जांच पर ही जोर दे रहे
संतकबीर नगर : परिषदीय विद्यालयों की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। पढ़ाई में अधिकांश विद्यालय में कोरम पूरा किया जा रहा है। ऐसे में बच्चों का शैक्षिक न्यूनतम ज्ञान का अभाव बना हुआ है। सारा जोर मध्याह्न भोजन पर ही दिया जा रह है। अधिकारी भी स्कूलों में संख्या, साफ सफाई और भोजन की गुणवत्ता की जांच पर ही जोर दे रहे हैं।
अब सत्र पूरा होने में महज दो माह का समय शेष बचा है। इसमें वार्षिक परीक्षा कराकर परिणाम भी घोषित किया जाना है। परिषदीय विद्यालयों की स्थिति में गुणात्मक सुधार के लिए शासन स्तर से मानक तय है। बच्चों को हर माह पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा देकर न्यूनतम शैक्षिक ज्ञान के साथ शिक्षकों के कार्यों का मूल्यांकन तय कर दिया। शिक्षकों के रुचि न लेने से पठन-पाठन की स्थिति में सुधार नहीं आ पा रहा है। निरीक्षण के दौरान अक्सर खामियां उजागर हो रही है। विद्यालयों में जहां बच्चों में उचित ज्ञान का अभाव है वहीं स्थिति दयनीय मिल रही है। कुछ विद्यालयों में अंग्रेजी व शैक्षिक व्यवस्था पर जोर दिया जा रहा लेकिन अनेक विद्यालयों में समस्या है।
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प्रशिक्षण का नहीं दिख रहा असर
बच्चों की दक्षता के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण भी दिया। सभी नौ ब्लाक में विषय वार ब्लाक सह समन्वयक भी तैनात किए है। कक्षा एक के बच्चे को एक से सौ तक की संख्या का ज्ञान तथा दो अंकीय जोड़ आना अनिवार्य है। भाषा विषय में परिचित विषय वस्तु, दृश्य, कविता व कहानी आदि समझते हुए सुनना व बोलना, सरल वाक्य व छोटी कविताएं पढ़ना तथा मात्रा युक्त शब्दों का ज्ञान जरूरी है। कक्षा दो के बच्चों को गिनती ज्ञान, दो अंकीय जोड़, एक अंकीय गुणा-भाग, विभिन्न विषयों को समझते हुए सुनना तथा स्वर के साथ बोलना, गद्य एवं पद्य खंडों को पढ़ना, अनुलेख, श्रुतलेख एवं सुलेख की जानकारी का मानक अनेक विद्यालयों के बच्चों में अधूरा है। खंड बेसिक शिक्षा अधिकारियों अधिकारी की जिम्मेदारी तय कर निर्देश दिए गए थे कि विभागीय अधिकारी प्राथमिक विद्यालयों पर नियमित
जाएंगे एवं मानक के अनुसार बच्चों की दक्षता परखेंगे। इसमें बच्चों का शैक्षिक ज्ञान खराब रहने पर संबंधित शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए। ¨कतु लापरवाही के चलते पठन-पाठन की स्थिति दयनीय बनी हुई है। अभी जिलाधिकारी, बीएसए के निरीक्षण में खामियां मिली। कुछ की लापरवाही से जो शिक्षक तन्यमता से प्रभावी ढंग से शिक्षण कर रहे है उन्हें भी संदेश की दृष्टि से देखा जा रहा है और सामूहिक रूप से कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिह्न खड़ा हो रहा है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. माया ¨सह ने कहना है कि विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ व्यवस्था सुधार करने के लिए कार्य किया जा रहा है। शिक्षकों की उपलब्धता के आधार पर बेहतर संचालन का कार्य किया जा रहा है। कार्य करते हुए बराबर निरीक्षण कर चेतावनी दी गई है। इसके लिए बीईओ की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है। यदि सुधार नहीं मिला तो कार्रवाई होगी।