वाराणसी : अगर इरादे बुलंद हैं तो पहाड़ भी रास्ता देते हैं, शिक्षा के लिए साइकिल से नाप रहे दुनिया
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वाराणसी : अगर इरादे बुलंद हैं तो पहाड़ भी रास्ता देते हैं। शिक्षा के प्रसार का संकल्प मन में संजोए जर्मनी के दंपति ने इसी जज्बे से अमेरिका से भारत की दूरी साइकिल से नाप ली। अब वे म्यांमार, थाइलैंड, सिंगापुर होते हुए आस्ट्रेलिया जाने की तैयारी में हैं। यश भारती से सम्मानित पं. विकास महाराज के पिपलानी कटरा स्थित आवास पर बुधवार को अपने अनुभव साझा करते हुए जर्मन दंपति फ्रोडेरमान और रॉल्फ लांग ने बताया कि यात्रा के दौरान विश्व के दुर्गम स्थानों से होकर गुजरे। इसमें अधिकांश समय निर्जन रेगिस्तान में गुजरा। इन्होंने साइकिल से अपनी यात्रा अगस्त 2016 में अमेरिका से शुरू की। उत्तरी अफ्रीका, यूरोप, चीन, आस्ट्रिया, इटली, जार्जिया व ईरान सहित अन्य देशों से होते हुए दंपति जनवरी में काशी पहुंचे। उन्होंने बताया कि उनकी साइकिल यात्रा का उद्देश्य शिक्षा के प्रति विश्व को जागरूक करना है। क्योंकि इसी से ही सारी समस्याओं को हल किया जा सकता है। शिक्षा का संदेश देने अब वे म्यांमार, कंबोडिया, थाइलैंड, सिंगापुर, मलेशिया और आस्ट्रेलिया जाएंगे।