बदायूं : पुरानी पेंशन योजना की जाए बहाल, नवीन पेंशन योजना की क्या स्कीम है इसके प्रावधानों से कई कर्मचारी वंचित
बदायूं : आम बजट को लेकर समाज के हर वर्ग में कौतुहल है। सरकारी कर्मचारियों में भी बजट से राहत मिलने की उम्मीद है। केंद्र सरकार की ओर से आगामी माह में आने वाले बजट से हर तबके के लोगों को सहूलियत की आस है। इसी क्रम में सरकारी सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को भी बजट से आस है कि सरकार उनकी समस्याओं का भी निस्तारण बजट के माध्यम से करेगी। उनका कहना है कि जीएसटी लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों से उनकी सालाना इनकम के हिसाब से दस फीसदी टैक्स ले लिया जाता है। जिन कर्मचारियों की सालाना इनकम इससे ऊपर है उनसे 20 फीसदी टैक्स लिया जा रहा है, लेकिन यह टैक्स वसूल करने के बाद भी अगर वह किसी अन्य कार्य को करना चाहते हैं तो वहां भी उनसे टैक्स वसूला जा रहा है। इस व्यवस्था में बदलाव कर सरकारी कर्मचारियों को भी सहूलियत प्रदान की जानी चाहिए। अगर पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर दिया जाए तो बहुत राहत मिलेगी।
सरकारी कर्मचारियों की बात
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जीएसटी लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों को उनकी सालाना इनकम के आधार पर टैक्स देना पड़ रहा है। लेकिन इस टैक्स को देने के बाद भी अगर वह कोई अन्य कार्य करते है तो उन्हे पुन: टैक्स देना पड़ता है जो कि गलत है इसमें बदलाव करना चाहिए।
- डॉ. संतोष कुमार ¨सह, लिपिक, बीएसए कार्यालय
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पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाए। नवीन पेंशन योजना की क्या स्कीम है इसके प्रावधानों से कई कर्मचारी वंचित है। जिससे परेशानी हो रही है। बजट में इस मुद्दे को प्रमुखता से शामिल करना चाहिए।
- गौरव यादव, लिपिक, बीएसए कार्यालय
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जिस प्रकार हर वस्तु पर टैक्स लगाया गया है। हम लोग प्रावधानों के अनुसार टैक्स का भुगतान भी कर रहे हैं। इसी प्रकार पेट्रोल-डीजल के भाव को भी सरकार की ओर से मनमाफिक नहीं बढ़ाना चाहिए इसमें पारदर्शिता होनी चाहिए।
कामेंद्र शर्मा, प्रोफेसर, दास कॉलेज
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जीएसटी लागू होने के बाद करों का मकड़ जाल दूर हुआ है, लेकिन कहीं न कहीं सरकारी कर्मचारी को इससे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। बजट में पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के ¨बदु को शामिल कर नवीन पेंशन योजना का खात्मा करना चाहिए।
- रवींद्र मोहन सक्सेना, जिलाध्यक्ष, राज्य कर्मचारी महासंघ