लखनऊ : विश्वविद्यालय-महाविद्यालय शिक्षकों को पांच साल का विशेष अवकाश
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : योगी सरकार ने राज्य विश्वविद्यालयों तथा राजकीय व अशासकीय सहायताप्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों को उनके पूरे सेवाकाल के दौरान पांच साल के विशेष अवकाश की सुविधा देने का फैसला किया है। यह विशेष अवकाश शिक्षकों को अनुमन्य अवकाशों के अलावा होगा।
विशेष अवकाश के दौरान शिक्षकों को वेतन तो नहीं मिलेगा लेकिन वेतन वृद्धियों का लाभ मिलेगा। उनकी वरिष्ठता भी नहीं प्रभावित होगी। शिक्षकों को यह सुविधा देने के लिए मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य विश्वविद्यालयों की प्रथम परिनियमावली में संशोधन के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है।
इस संशोधन के जरिये शिक्षकों को अनुमन्य अवकाशों की सूची में विशेष अवकाश की नई श्रेणी जोड़ी गई है। साथ ही, असाधारण अवकाश के प्रावधान में आंशिक संशोधन किया गया है। अभी असाधारण अवकाश को अन्य अवकाशों के साथ तीन वर्ष तथा ड्यूटी से अनुपस्थित रहने की कुल अवधि पांच साल तय है।
संशोधन के जरिये पांच साल के असाधारण अवकाश को आकस्मिक अवकाश और विशेष आकस्मिक अवकाश को छोड़कर किसी भी अन्य प्रकार के अवकाश के साथ जोड़कर लिये जाने की व्यवस्था की गई है।
इन्हें मिलेगा लाभ : सरकार के इस फैसले का लाभ उन शिक्षकों को मिलेगा जो संसद और राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्य हों या केंद्र/ राज्य सरकार द्वारा कला, विज्ञान, साहित्य, खेल आदि से जुड़े संगठनों/शैक्षिक संस्थानों/आयोगों में निर्धारित पदों के दायित्व निभाने के लिए नियुक्त किये गए हों।