एटा : शैक्षिक प्रमाण पत्रों में त्रुटियों का खामियाजा भुगतेंगे विद्यार्थी
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जागरण संवाददाता, एटा : बोर्ड परीक्षार्थियों की नामावलियों के संशोधन को लेकर जारी किए गए नए निर्देशों में तमाम स्कूल अटक गए। एक पखवाड़े का पूरा समय गुजरने के बाद भी जिले के 125 माध्यमिक स्कूलों से बोर्ड परीक्षार्थियों की संशोधित नामावलियां अभी तक प्राप्त नहीं हुईं हैं। ऐसी स्थिति में संशोधन समय से न होने के कारण संबंधित स्कूलों के परीक्षार्थियों के सामने अंक पत्र व प्रमाण पत्रों में त्रुटियों के कारण समस्याएं आ सकती हैं।
हर साल बोर्ड परीक्षाओं के बाद परीक्षार्थियों के सामने आने वाले अंक पत्रों और सह प्रमाण पत्रों में कई तरह की खामियां सामने आती हैं। किसी के नाम तो जन्मतिथि और पिता आदि के नामों में शब्द या अक्षर त्रुटि होने से परीक्षार्थियों के लिए स्कूलों से बोर्ड कार्यालय तक दौड़ लगाने के अलावा आर्थिक रूप से भी परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसी स्थितियों में सुधार के लिए ही इस साल बोर्ड परीक्षा आवेदनों के बाद तैयार की गई स्कूलवार परीक्षार्थियों की नामावली सभी स्कूलों को उपलब्ध कराई गई थी। निर्देशों में बदलाव यह किया गया कि नामावली में संशोधन या सहमति के रूप में हर परीक्षार्थी के हस्ताक्षर कराए जाने थे। हस्ताक्षर का उद्देश्य यही था कि प्रत्येक परीक्षार्थी नामावली में अंकित सूचनाओं का खुद सत्यापन कर सके।
इस कार्य के लिए सभी स्कूलों को 15 दिन से ज्यादा का समय दिया गया। इसके बावजूद भी अभी तक तमाम स्कूलों को परीक्षार्थी ढूंढे नहीं मिले और उनके हस्ताक्षर न होने की स्थिति में नामावलियां संशोधित न हो सकी हैं, जिस कारण आगे परेशानियां परीक्षार्थियों को ही उठानी पड़ सकती हैं। अभी तक की स्थिति यह है कि 546 स्कूलों में से 421 स्कूल संशोधित नामावली दे चुके हैं, जिन्हें बोर्ड कार्यालय विभाग भेज चुका है। अब शेष रहे 125 विद्यालयों की नामावलियां उपलब्ध न होने पर किसी भी तरह की परेशानियों के लिए प्रधानाचार्यों को जिम्मेदार ठहराया गया है। बोर्ड स्तर पर संशोधन न हो सका तो गलतियां परीक्षार्थियों के अंक पत्र व प्रमाण पत्रों में ही दिखेंगी। डीआइओएस एसपी यादव ने बताया, संशोधित नामावली न देने वाले स्कूलों के संबंध में बोर्ड कार्यालय को अवगत करा दिया गया है।