बलरामपुर : स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन में फर्जी आंकड़ेबाजी किए जाने का मामला प्रकाश में आया
बलरामपुर : स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन में फर्जी आंकड़ेबाजी किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। पुरस्कार की सूची में शामिल जिले के 13 स्कूलों में से मात्र पांच ही मानक पर खरे उतरने का दावा किया गया हैं। वहीं स्वच्छता के मामले में कान्वेंट को मात देने वाला गैड़ासबुजुर्ग शिक्षा क्षेत्र का पूर्व माध्यमिक विद्यालय बनकटवा पुरस्कार की दौड़ से बाहर हो गया।
राज्य सरकार ने शैक्षिक गुणवत्ता के साथ स्वच्छ व सुंदर स्कूलों को स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार से सम्मानित करने की पहल की है। जिले के 13 परिषदीय स्कूलों को यह पुरस्कार दिया जाना है। इसके लिए 15 नवंबर तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ स्वच्छता के मानकों पर आधारित प्रश्नों के उत्तर देने थे। कई स्कूलों के शिक्षकों ने ऑनलाइन आवेदन के समय फर्जी उत्तर देकर रजिस्ट्रेशन कर लिया। प्रश्नोत्तर पर मिले अंक के आधार पर जारी सूची में उच्च प्रावि विशंभरपुर, उच्च प्रावि कौवापुर, प्रावि तुलसीपुर दक्षिणी, प्रावि चौकाखुर्द, प्रावि गंगापुर बांकी, बेलवा बिनोहनी, प्रावि धुसाह प्रथम, प्रावि भगवतीगंज समेत केजीबीवी नगर, रेहराबाजार, गैंड़ासबुजुर्ग, उतरौला व तुलसीपुर शामिल हैं। इनकी स्क्री¨नग डीएम, बीएसए, जल निगम के अधिशासी अधिकारी, सीएमओ समेत तीन शिक्षक सदस्यों की समिति करेगी। बीएसए के निर्देश पर जिला समन्वयक निर्माण एनके ¨सह ने इन स्कूलों का सत्यापन किया जिसमें सिर्फ पांच स्कूल ही पुरस्कार के लिए निर्धारित मानकों पर खरे उतरे। बताया कि उच्च प्रावि कौवापुर, प्रावि तुलसीपुर दक्षिणी, धुसाह प्रथम, केजीबीवी नगर व गैंड़ासबुजुर्ग ही स्वच्छता पुरस्कार की शर्तों को पूरा करते हैं।
-गैंड़ासबुजुर्ग शिक्षा क्षेत्र का पूर्व माध्यमिक विद्यालय बनकटवा शिक्षा व स्वच्छता के मामले में कान्वेंट को भी मात दे रहा है। बावजूद इसके यह विद्यालय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार की शीर्ष 13 की सूची में शामिल नहीं किया गया। विद्यालय में बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय है जिसमें पानी की उत्तम व्यवस्था है। शिक्षा व खेलकूद के पर्याप्त संसाधन, हाथ धुलने के लिए हैंडवाश व वाश बेसिन की उत्कृष्ट व्यवस्था है। स्कूल की दीवारों पर स्वच्छता का संदेश देती चित्रकारी इसे विशिष्ट बनाती हैं। स्कूल के शिक्षक मो. उस्मान का कहना है कि स्वच्छता के लिए स्कूल को कई बार सम्मानित किया जा चुका है। स्वच्छ भारत पुरस्कार के लिए निर्धारित सभी मानक स्कूल में मौजूद है। सूची में शामिल न किए जाने का मलाल है। कहाकि इसके लिए वह डीएम से गुहार लगाएंगे। प्रभारी जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल ने बताया कि उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है।