लखीमपुर खीरी : कूटरचित अभिलेख बनाकर अंशकालिक अनुदेशकों की नौकरी के लिए आवेदन करने वाले छह लोगों की जमानत अर्जी जिला सत्र न्यायाधीश डॉ. गोकुलेश ने खारिज कर दी
संवादसूत्र, लखीमपुर: कूटरचित अभिलेख बनाकर अंशकालिक अनुदेशकों की नौकरी के लिए आवेदन करने वाले छह लोगों की जमानत अर्जी जिला सत्र न्यायाधीश डॉ. गोकुलेश ने खारिज कर दी है। 25 दिसंबर 2014 को शासन से जिले में रिक्त पदों पर अंशकालिक अनुदेशकों की भर्ती का आदेश जारी किया गया था। 30 दिसंबर को विज्ञापन जारीकर आन लाइन आवेदन मांगे गए। 249 पदों के सापेक्ष 333 आवेदन आए जो राज्य परियोजना लखनऊ को भेजे गए। आवेदन पत्रों में लखनऊ विश्वविद्यालय से निर्गत स्नातक व बीपीएड के प्रमाण पत्र संदिग्ध प्रतीत हुए। तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी रमेश पंकज को नामित करते हुए रजिस्ट्रार लखनऊ विश्वविद्यालय से अभिलेखों की जांच कराई गई। जांच में 46 आवेदकों के स्नातक व बीपीएड के अंकपत्र व प्रमाण पत्र कूटरचित व फर्जी पाए गए। तत्कालीन बीएसए ने 46 आवेदकों के खिलाफ धोखाधड़ी व कूट रचित दस्तावेज तैयार करने के आरोप में कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। आरोपी संयोग, कृष्ण मुरारी, धर्मेश, सुनील वर्मा, बलराम व उदित की जमानत अर्जी पर जिला सत्र न्यायाधीश की अदालत में सुनवाई हुई। जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराज यादव ने जमानत अर्जी का विरोध किया। सुनवाई के बाद जिला सत्र न्यायाधीश डॉ. गोकुलेश ने सभी छह आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी।