लखनऊ : UPSSSC में 65 हजार नौकरियों का रास्ता साफ, नए अध्यक्ष बोले- 15 दिन में तैयार होगा भर्ती कैलेंडर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद सोमवार को यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) का गठन हो गया। 1981 बैच के रिटायर्ड आईएएस अफसर चंद्रभूषण पालीवाल को इसका अध्यक्ष बनाया गया है। 5 अन्य सदस्यों की भी नियुक्ति की गई है।
नवनियुक्त चेयरमैन पालीवाल ने कहा कि समूह 'ग' की करीब 65 हजार खाली पदों पर तेजी से भर्तियां उनकी प्राथमिकता हैं। पालीवाल ने मुख्य सचिव राजीव कुमार से मुलाकात के बाद आयोग के पिकल ऑफिस पहुंच कर पदभार ग्रहण किया।
*आठ माह से फंसी थीं समूह 'ग' की भर्तियां*
योगी आदित्यनाथ सरकार आने के बाद अप्रैल में आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष राज किशोर यादव व अन्य सदस्यों ने (बबिता लाठर को छोड़कर) इस्तीफा दे दिया था। उस समय कई पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही थी। कुछ के इंटरव्यू हो रहे थे, तो किसी की लिखित परीक्षा होनी थी। इस्तीफे के बाद भर्तियां जहां की तहां फंस गईं। आयोग के गठन के बाद भर्तियां जल्द शुरू होने की उम्मीद है।
*सख्त स्क्रीनिंग के बाद बनी अधीनस्थ की नई टीम*
यूपी अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपीएसएसएससी) की नई टीम का गठन सख्त स्क्रीनिंग के बाद किया गया। शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के लिए करीब 400 आवेदन छंटनी के बाद सही पाए गए थे।
मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने इनकी स्क्रीनिंग की। समिति ने अध्यक्ष पद के लिए 16 तथा सदस्यों के लिए 40 नामों का पैनल सीएम को भेजा था। मुख्यमंत्री ने इन्हीं में से एक अध्यक्ष व पांच सदस्यों की नियुक्ति को मंजूरी दी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार शाम ही आयोग के गठन को मंजूरी दी थी। ‘अमर उजाला’ ने सोमवार के अंक में पालीवाल को चेयरमैन बनाने का खुलासा किया था। सोमवार को मुख्य सचिव राजीव कुमार ने सोमवार सुबह आयोग के गठन का विधिवत आदेश जारी कर दिया। पालीवाल ने मुख्य सचिव से मुलाकात के बाद आयोग के पिकप ऑफिस पहुंच कर पदभार ग्रहण किया।
*नए अध्यक्ष की प्राथमिकता: जिन पदों पर भर्ती चल रही, उन पर सबसे पहले फैसला*
नव नियुक्त अध्यक्ष चंद्र भूषण पालीवाल ने एक सवाल के जवाब में बताया कि जिन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है, सबसे पहले उन्हीं के बारे में निर्णय होगा। उन्होंने बताया कि वह पहले पूरी स्थिति का अध्ययन कर जानेंगे कि जिन पदों की भर्ती हो रही थी, वे किस स्टेज पर हैं। किसी में परीक्षा हो गई है साक्षात्कार नहीं हुए हैं। किसी में इंटरव्यू हो गए, रिजल्ट नहीं घोषित हुए हैं। कहीं प्रैक्टिकल लंबित है। इन सभी पर संबंधित पद की नियमावली के हिसाब से निर्णय लिया जाएगा।
*24 हजार पद प्रक्रिया में, बाकी के नए प्रस्ताव*
पालीवाल ने बताया कि समूह ‘ग’ के करीब 65 हजार पद रिक्त होने की संभावना है। इनमें 24 हजार ऐसे पदों के लिए आवेदन मांगे जा चुके हैं। इसके अलावा 25 हजार पदों पर भर्ती का प्रस्ताव आ चुका है। हम तेजी से भर्ती कर सरकार को काम वाले हाथ उपलब्ध कराने वाले हैं।
*अध्यक्ष ने कहा, भर्ती के प्रति भरोसा लौटाएंगे*
अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष सीबी पालीवाल ने कहा है कि भर्तियां शुचिता, ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ निरपेक्ष भाव से होंगी। सरकारी सेवा में योग्यतम के चयन की कोशिश की जाएगी। हम एक हफ्ते में बता देंगे कि पहला विज्ञापन कब तक निकालेंगे।
पालीवाल ने कार्यभार ग्रहण करने के बाद कहा कि सरकार की सेवा में आने के लिए भर्ती पहली स्टेज होती है। यहां व्यक्ति का शासन से पहला सीधा सामना होता है। आयोग जिस तरह से व्यवहार करता है, जैसी उसकी कार्यशैली होती है, उसी से व्यक्ति की भी मंशा बनती है। यदि आयोग शुचिता, निरपेक्षता व ईमानदारी से काम कर रहा है। तो आवेदक भी सेवा में आने पर वैसा ही आचरण करेगा। ऐसे में आयोग की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है।
*इंटरव्यू खत्म होने से पारदर्शिता बढ़ी, तेज होगी प्रक्रिया*
आयोग में सदस्य का एक पद रिक्त होने के सवाल पर पालीवाल ने कहा कि सरकार ने समूह ‘ग’ की भर्ती से इंटरव्यू खत्म कर पारदर्शिता की ओर बड़ा कदम बढ़ाया है। इससे एक ओर तो आवेदकों का ईमानदारी से भर्ती के प्रति भरोसा बढ़ेगा। दूसरा, आयोग तेजी से भर्तियों की कार्यवाही कर सकेगा। आयोग का गठन हो गया है। अब भर्तियों की कार्यवाही तेजी से होगी।
*15 दिन में आयोग तैयार कर लेगा भर्तियों का कैलेंडर*
पालीवाल ने कहा कि निर्णय लेने के मामले में तृतीय श्रेणी के कर्मी भले ही मुख्य भूमिका में न हों लेकिन निर्णय का आधार बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसे में सही लोगों का चयन बहुत महत्वपूर्ण है। 10-15 दिनों में पूरी परिस्थितियों का अध्ययन कर आयोग अपना एक टाइम टेबल तैयार कर लेगा।