सिद्धार्थनगर : देश के 115 पिछड़े जनपदों में आठ जिला यूपी का, शैक्षणिक गुणवत्ता पर सभी दें ध्यान
सिद्धार्थनगर : देश के 115 पिछड़े जनपदों में आठ जिला यूपी का है। इसमें एक सिद्धार्थनगर भी है। जहां के कायाकल्प करने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री ने भी ली है। यहां शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हेतु सभी प्रधानाध्यापकों को अतिरिक्त प्रयास करने की आवश्यकता है। 15 मार्च को जिलाधिकारी महोदय के यहां रिपोर्ट प्रस्तुत की जानी है। निर्धारित समय अंदर सभी लोग विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों पर कार्य करें और सारी व्यवस्था अपडेट कर लें।
उक्त बातें खंड शिक्षाधिकारी चंद्रभूषण पाण्डेय ने कही। शनिवार को बीआरसी प्रांगण में आयोजित प्रधानाध्यापकों की बैठक में उन्होंने कहा कि पिछड़े क्षेत्र वाले जिले को बेहतर बनाने के लिए प्रशासन स्तर पर 100 नंबर निर्धारित किए गए हैं। इसमें 30 नंबर बेसिक शिक्षा विभाग को दिए गए हैं। 15 नंबर भाषा व गणित के मूल्यांकन पर दिया जाना है, जबकि शेष अन्य नंबर शौचालय, हैंडपंप, छात्र-शिक्षक अनुपात, विद्युतीकरण, नि:शुल्क पुस्तक वितरण व एनइआर पर निर्धारित किए गए हैं। सभी प्रधनाध्यापक बच्चों को कक्षा के हिसाब से पढ़ाने के बजाए स्कूल लगने के बाद दो घंटे सामुहिक रूप से शिक्षा के स्तर को देखते हुए पढ़ाएं।
उपभोग प्रमाण पत्र पर बोलते हुए अविलंब जमा करने पर जोर दिया। सभी का शत-प्रतिशत आधार कार्ड बनवाने, स्वेटर कुटेशन लेकर वितरण कराने, मानदेय बिल आदि ¨बदुओं पर चर्चा करते हुए जरूरी निर्देश दिए गए।
बैठक में अष्टभुजा प्रसाद पाण्डेय, नसीम अहमद, मिर्जा महबूब हसन, मस्तराम चौधरी, मुश्ताक अहमद, सत्य नारायण प्रसाद, मो. अहमद, बशीर अहमद, विनोद कुमार, आबिद रिजवी, प्रेम गुप्ता, तशबीब हसन, नफीस हैदर, दिनेश ¨सह, शादाब हुसैन, जियाफत हुसैन, अब्दुल रहीम समेत सभी प्रधानाध्यापक व प्रभारी उपस्थित रहे।