वाराणसी : प्ले-ग्रुप जैसे सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे बच्चे: 20 लाख से बनेगा एक विद्यालय, यह होगा स्कूल का प्रारूप और डिज़ायन
वाराणसी । बनारस में अब मलिन बस्तियों के साथ ग्रामीण इलाकों के नौनिहाल भी स्मार्ट क्लास में कॉन्वेंट स्कूलों की तरह पढ़ सकेंगे। इसके लिए 100 नंदघर बनाने जाने का प्लान है। पहली बार शहरी क्षेत्र में भी नंदघर बनेंगे। इस योजना पर करोड़ों रुपये खर्च होंगे।
पीएम मोदी के आदर्श गांव जयापुर में बनारस के पहले नंदघर का निर्माण हुआ था। अब पूरे जिले में जगह-जगह 100 नंदघर खोले जाने की योजना को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसके निर्माण की जिम्मेदारी उसी एनजीओ ‘वेदांता’ को सौंपी गई है जिसने पीएम के गोद लिए तीन गांवों में सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत नंदघर बनवाए हैं। नए नंदघर बनने के बाद इसके संचालन का जिम्मा ग्राम प्रधान या फिर बाल विकास विभाग को सौंपा जाएगा।
बाल विकास परियोजना अधिकारी नीलम मेहता ने बताया कि प्लान के मुताबिक नंदघर रोल मॉडल की तरह काम करेंगे, जिससे मलिन बस्ती व ग्रामीण परिवेश के बच्चे भी नए दौर की दौड़ में शामिल हो सकें। 15 नंदघर शहरी इलाके की मलिन बस्तियों में और बाकी 85 ग्रामीण इलाकों के आंगनबाड़ी केंद्रो पर निर्माण कराने की तैयारी चल रही है
20 लाख से बनेगा : शहरी इलाके की मलिन बस्तियों में चल रहे स्कूलों में एक नंदघर के निर्माण पर करीब 20 लाख की लागत आएगी। ग्रामीण इलाकों में लागत राशि 12 से 15 लाख रुपये होगी। इस तरह बनारस जिले में नंदघरों के निर्माण पर दस करोड़ से ज्यादा खर्च आएगा।
यहां बनाए जाएंगे : बाल विकास परियोजना अधिकारी के मुताबिक बनारस शहर में खुलने वाले नंदघर के लिए जगह चिह्नित कर ली गई है। खोजवां, तुलसीपुर, रानीपुर, अस्सी, नरिया, सराय सुरजन, भिखारीपुर, सिगरा, आदित्यनगर, लल्लापुरा, सुंदरपुर, बंगालीटोला, नगवां, बजरडीहा व छित्तूपुर बस्तियों में जल्द निर्माण शुरू होगा।