एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर श्रावस्ती बहराइच मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

फर्रुखाबाद : मन की बात में मोदी के दोस्त कहने पर चहके बच्चे, मन की बात के 41वें एपीसोड में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय विद्यालय संगठन के स्कूली छात्रों को संबोधित किया।

0 comments

फर्रुखाबाद : मन की बात में मोदी के दोस्त कहने पर चहके बच्चे, मन की बात के 41वें एपीसोड में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय विद्यालय संगठन के स्कूली छात्रों को संबोधित किया।

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : मन की बात के 41वें एपीसोड में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय विद्यालय संगठन के स्कूली छात्रों को संबोधित किया। उद्घाटन संबोधन में ही नरेंद्र मोदी ने खुद को बच्चों का दोस्त कहा तो फतेहगढ़ सेंट्रल स्कूल के मैदान में बैठे सैकड़ों बच्चे चहक उठे। कई बच्चों ने प्रधानमंत्री के उद्बोधन के कुछ अंश कॉपी पर नोट किए। कार्यक्रम के दौरान संचालिका से लेकर मानव संसाधन मंत्री तक ने प्रधानमंत्री की पुस्तक 'एग्जाम वॉरियर' का कई बार उल्लेख किया। देश में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं में न बोल पाने को अपनी मर्यादा बताते हुए उनके भाषण को क्षेत्रीय भाषाओं में वॉयस-ओवर के माध्यम से संबंधित क्षेत्र के छात्रों तक पहुंचाए जाने की बात कही।

सुनने वालों से सहज ही जुड़ जाने की अपनी कला के चलते प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान बच्चे पूरे समय प्रोजेक्टर स्क्रीन से चिपके नजर आए। एकाग्रता, संकल्पना और परीक्षा के भय जैसे मुद्दों पर बच्चों के मासूम सवालों का भी नरेंद्र मोदी ने बहुत सरल भाषा में उत्तर दिए। एकाग्रता के ¨बदु के पर उन्होंने सचिन तेंदुलकर के एक जवाब का सहारा लेते हुए बताया कि ध्यान केवल सामने से आ रही गेंद पर केंद्रित करो। न कि पहले वाली गेंद को याद रखो और न ही इसके बाद आने वाली गेंद के बारे में सोचो। उन्होंने कहा कि एकाग्रता के लिए शरीर, मन, बुद्धि और आत्मा का समन्वय बहुत आवश्यक है। दूसरों से अपनी तुलना न करो। खुद को स्वतंत्र व्यक्तित्व मानकर आगे बढ़ो। पहले तय करो कि तुम्हारे भीतर क्या है। उसे पहचानो। उसी दिशा में आगे बढ़ो। जो व्यक्ति खेल के मैदान में गोल्ड मेडल लेकर आया है, हो सकता है मैथ में आपके नंबर उससे अधिक रहे हों, लेकिन लोग बात तो गोल्ड मेडल की करेंगे। युद्ध का नियम है कि दुश्मन को अपने मैदान में खींच कर लाओ और तब मारो।

कार्यक्रम के दौरान राजपूत रेजीमेंटल सेंटर के डिप्टी कमांडेंट कर्नल र¨वद्र ¨सह व पूर्व प्रधानाचार्य आरपी दिवाकर के अलावा केंद्रीय विद्यालय के प्रधानाचार्य आरसी पांडेय मौजूद रहे। डीएस चतुर्वेदी, सुजाता पाल, संजीव ¨सह आदि अध्यापक व्यवस्था में लगे दिखे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।