बागपत : 60 लाख डकारने को 134 फर्जी छात्र, फर्जी छात्र-छात्राओं में ज्यादातर बीएड तथा बीटीसी के दिखाए गए
बागपत : कुछ कालेज संचालक फीस रिफंड तथा स्कॉलरशिप योजना में लाखों के वारे-न्यारे करने को फर्जी छात्र-छात्राओं का अपने यहां पर प्रवेश दिखाने में गुरेज नहीं करते। अब करीब एक दर्जन कालेजों के फर्जी छात्र-छात्राओं का राजफाश होने से जांच अधिकारी हैरान रह गए। यदि मामला पकड़ में नही आता तो सरकार को 60 लाख रुपये से ज्यादा की चपत लग जाती।
समाज कल्याण विभाग ने विभिन्न कालेजों के सामान्य जाति के 1529 छात्र-छात्राओं का ब्योरा जांच करने को अधिकारियों को उपलब्ध कराया। इनमें से 1076 सही तथा 19 छात्र फर्जी मिले। बाकी 434 छात्रों की जांच पूरी नहीं हुई है। अनुसूचित जाति के 4145 छात्र-छात्राओं में 1945 छात्र-छात्राओं की जांच पूरी हो चुकी है। इनमें 1830 छात्र-छात्रा सही मिले बाकी 115 छात्र-छात्रा फर्जी पाए गए हैं। इस तरह कुल 134 छात्र-छात्राएं फर्जी मिले हैं।
फर्जी छात्र-छात्राओं में ज्यादातर बीएड तथा बीटीसी के दिखाए गए हैं। हरेक छात्र-छात्रा को फीस रिफंड तथा स्कालरशिप के 50 हजार रुपये से ज्यादा का भुगतान होता है। साफ है कि उक्त फर्जी छात्र-छात्राओं के पकड़ में आने से सरकार को 60 लाख रुपये की चपत लगने से बच गई है। ये फर्जी छात्र-छात्रा उन कालेजों के हैं, जो सही माने जाते हैं।
गौरतलब है कि बागपत में 104 कालेजों में से 57 कालेजों के संचालकों ने अपने यहां नामांकित छात्र-छात्राओं का रिकार्ड पोल खुलने के डर से जांच को उपलब्ध ही नहीं कराया है। यदि उनकी ढंग से जांच हो जाए तो फर्जी छात्रों की संख्या हजारों में मिलेगी। जिला समाज कल्याण अधिकारी विमल कुमार ढाका ने कहा कि सभी फर्जी छात्रों को असल डाटा से डिलीट कर दिया गया है। जिन कालेजों ने रिकार्ड नहीं दिया है, उनकी दोबारा जांच कराने को सीडीओ ने आदेश दिया है। जांच में यह देखा जाएगा कि छात्र-छात्राओं का रिकार्ड नहीं देने के पीछे मंशा क्या है? कालेज में छात्र-छात्रा पढ़ते भी हैं या नहीं।