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इलाहाबाद : भर्तियों में फर्जीवाड़े मामले में सीबीआइ ने आयोग में पांच घंटे तक खंगाले भ्रष्टाचार के सबूत

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इलाहाबाद : भर्तियों में फर्जीवाड़े मामले में सीबीआइ ने आयोग में पांच घंटे तक खंगाले भ्रष्टाचार के सबूत

इलाहाबाद : पांच साल में उप्र लोकसेवा आयोग से हुई सभी भर्तियों में भ्रष्टाचार उजागर करने को सीबीआइ ने बुधवार से अपनी जांच शुरू कर दी है। करीब पांच घंटे तक आयोग में रहकर सीबीआइ की टीम ने प्रारंभिक पड़ताल की। टीम प्रभारी राजीव रंजन व उनकी टीम ने दो कर्मचारियों से एक घंटे तक गोपनीय वार्ता कर भर्तियों की प्रक्रिया पूछी। टीम प्रभारी ने आयोग सचिव जगदीश से भी मुलाकात कर उनसे आवश्यक सामग्री जुटाई।

सुबह आयोग पहुंची टीम ने सचिव जगदीश से मुलाकात कर भर्तियों के संबंध में आधे घंटे तक चर्चा की। करीब 11 बजे टीम प्रभारी राजीव रंजन के निर्देश पर आयोग के दो कर्मचारियों को एक कमरे में बुलाया गया और उनसे पूछताछ हुई। भर्तियों में भ्रष्टाचार के आरोप क्यों लगे, पूर्व अध्यक्ष ने नियमों में बदलाव कब और किस आधार पर किया, भर्तियों में आरक्षण का लाभ देने, साक्षात्कार का बोर्ड गठित करने और परिणाम जारी करने के मूल नियम क्या हैं आदि प्रश्नों से बातचीत की शुरुआत की। एक घंटे तक हुई बातचीत के दौरान किसी को भी अंदर आने की इजाजत नहीं मिली।1दोपहर होते-होते सीबीआइ टीम ने सचिव से जांच में सहयोग के लिए कुछ और सामग्री जुटाई। करीब तीन बजे टीम आयोग से रवाना हो गई। इस बीच आयोग परिसर में सीबीआइ जांच को लेकर हर किसी के चेहरे पर हवाइयां उड़ती रही। किससे पूछताछ होगी, टीम के क्या तेवर होंगे, इसको लेकर लोग अपनी जिज्ञासा एक दूसरे से शांत करते रहे।

सीबीआइ ने दस्तावेज किए सील, मिली कई खामियां, भर्ती प्रक्रिया में शामिल अफसरों का ब्योरा भी जुटाया गया

इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) में अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 तक हुई भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की टीम ने बुधवार को यहां डेरा डाल दिया। सात सदस्यीय टीम ने सुबह आयोग पहुंचकर दस्तावेज खंगाले। सूत्रों के मुताबिक भर्तियों से संबंधित दस्तावेजों का 
संकलन कर सूचीबद्ध करने में ही कई खामियां मिलीं। 1पांच सालों के भीतर करीब 540 पदों पर भर्ती में हुए भ्रष्टाचार की जांच के लिए सीबीआइ टीम एसपी राजीव रंजन के नेतृत्व में पहले सर्किट हाउस पहुंची। वहां से सुबह 10.30 बजे के करीब सभी अधिकारी आयोग पहुंच गए। सीबीआइ अधिकारियों ने आयोग में पीसीएसजे, एपीओ, यूडीए एवं सीधी भर्ती से संबंधित दस्तावेजों का संकलन किया। वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के दौरान तमाम दस्तावेजों को सील किया गया। इस संबंध में आयोग के अधिकारियों से पूछताछ हुई। सीबीआइ ने अधिकारिक तौर पर अधिकारियों का बयान नहीं दर्ज किया। विवेचना अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने तीन टीमें अलग-अलग कामों में लगाई हैं। एक टीम आयोग में तब तैनात रहे अधिकारियों का ब्योरा नोट कर रही है। सीबीआइ टीम ने सर्किट हाउस में भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले तमाम अभ्यर्थियों से पूछताछ की।

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