लखनऊ : शिक्षामित्रों के लिए ‘समायोजन’ शब्द कातिल बन गया, पत्नी की मौत के बाद शिक्षामित्र ने दी जान, अनाथ हुए बच्चें
लखनऊ। शिक्षामित्रों के लिए ‘समायोजन’ शब्द कातिल बन गया है। मंगलवार को फर्रुखाबाद से जो खबर आयी है, वह पत्थर दिल को भी हिला देने वाली है। आज तड़के शिक्षामित्र बृजेश कुमार (38) प्राथमिक विद्यालय दूरीयार, ब्लाक मोहम्मदाबाद- फर्रुखाबाद आर्थिक तंगी से परेशान थे। ऊपर से सामाजिक ताना तो था ही, लिहाजा बृजेश ने आत्महत्या कर ली। उनके दो छोटे-छोटे बच्चे हैं। एक का उम्र 13 वर्ष तथा दूसरा 10 वर्ष का है। पिता बुजुर्ग हैं। सबसे बड़ी बात है कि हाई कोर्ट में समायोजन रद्द होने के बाद बृजेश की पत्नी की मौत हो गयी थी। बृजेश किसी तरह अपने बच्चों का पालन-पोषण कर रहे थे, लेकिन वे भी मौत को गले लगा लिए। अब इन बच्चों का मालिक भगवान ही है।
वित्त एवं लेखाधिकारी जिम्मेदार
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष ऋषिपाल सिंह यादव का कहना है कि अब तक मात्र अगस्त सितम्बर के अलावा एक पैसा भी नही मिला है। हम इसके लिये महीना दिन पहले आंदोलन भी किये थे। यहां के लेखाधिकारी अजित सिंह जिम्मेदार है, जो पैसा रहने के बावजूद शिक्षामित्रों का मानदेय नही देते। आज बेसिक शिक्षा अधिकारी का घेराव किया गया। अगर हमरा बकाया भुगतान एक सप्ताह के अन्दर नही हुआ तो जिला में जबरदस्त आंदोलन होगा। घेराव में श्यामलाल गौतम प्रदीप कुमार, दल सिंह, पवन कुमार, अलकेन्द्र सिंह राठौर, रामगोपाल दुबे आदि लोग उपस्थित थे।