सुलतानपुर : धनराशि डकार ली, नहीं बन सका स्कूल का भवन, प्राथमिक विद्यालय बभनपुर में खुले में पढ़ाई करते बच्चे।
हिन्दुस्तान संवाद,सुलतानपुर । सर्व शिक्षा अभियान के तहत धनराशि डकार ली गई और स्कूल भवन नहीं बना। ऐसे स्कूल या तो बंद हैं या बच्चे खुले में पेड़ के नीचे खुद के घर से लाए बोरे पर बैठने को मजबूर हैं। वहीं कुछ भूमि विवाद के कारण कतिपय स्कूल भवन नहीं बन सके।
प्राथमिक विद्यालय बभनपुर को छोड़कर 10 प्राथमिक व जूनियर हाईस्कूल उधार के स्कूल भवनों में संचालित हो रहा है। कई निर्माण प्रभारियों ने तो निर्माण के लिए आई धनराशि ही डकार लिए हैं। बीएसए कौस्तुभ सिंह के कड़े निर्देश के बाद भी सर्व शिक्षा अभियान के डीसी निर्माण ने स्कूल भवनों के निर्माण में खानापूरी कर दी है। पर मौके पर भवन नहीं बन सके हैं।
चार प्राइमरी व सात जूहा. स्कूलों का निर्माण अधूरा : सर्व शिक्षा अभियान राज्य परियोजना कार्यालय उत्तर प्रदेश के आदेश पर वर्ष 2011-12 में अखण्डनगर ब्लॉक के खानपुर पिलाई छह लाख 72 हजार 810 रुपए की लागत से प्राथमिक विद्यालय का निर्माण शुरू कराया गया। भूमि विवाद के चलते हाईकोर्ट में मुकदमा चल रहा है। स्कूल डीपीसी स्तर तक बन गया है। इसमें चार लाख रुपए खर्च कर दिए गए। बची धनराशि बैंक खाते में है। स्कूल का संचालन पड़ोस के स्कूल से हो रहा है।
प्राथमिक विद्यालय बनकटा ब्लाक मोतिगरपुर का वर्ष 2006-07 में निर्माण कार्य शुरू हुआ। खिड़की लगने के स्तर तक दीवाल बनी। पर,भूमि विवाद के कारण निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। दोस्तपुर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय जजरही का निर्माण 2001-02 में शुरू हुआ। भूमि विवाद के कारण निर्माण रुका हुआ है। दूसरी स्थान पर निर्माण करने के लिए भूमि तलाशी जा रही है।
धनराशि की वसूली के लिए निर्माण प्रभारी को नोटिस : कूरेभार ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय बैथू विद्यानाथपुर का निर्माण वर्ष 2010-11 में शुरू हुआ। स्कूल के अगले भाग की छत पड़ गई है। पीछे के हिस्से में छत नहीं लगी है। नौ लाख एक हजार रुपए निकाल ली गई है। इस दौरान निर्माण प्रभारी अजीत सिंह की मृत्यु हो गई। कागजी खानापूरी के लिए डीसी निर्माण ने बची धनराशि वसूली के लिए अजीत सिंह को नोटिस देकर मामला दफा कर दिया।
जूहा. धर्मदासपुर ब्लॉक धनपतगंज का निर्माण वर्ष 2008-09 में शुरू कराया गया, भवन बन गया है। किचन की छत बाकी है। ग्रामीणों की ओर से विवाद करने के कारण निर्माण पूरा नहीं हो सका। इसकी लागत पांच लाख 15 हजार थी। दोस्तपुर ब्लॉक के जूहा. स्कूल बौरा जगदीशपुर माधवपुर का निर्माण वर्ष 2008-09 में शुरू हुआ। इसके निर्माण के लिए पांच लाख 15 हजार रुपए मिले थे। डीपीसी स्तर का स्कूल बना है। सुरक्षित भूमि पर स्कूल बनने का विरोध होने के कारण कार्य रोक दिया गया। ढाई लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। बची धनराशि की वसूली के निर्माण प्रभारी अवधेश मिश्र को नोटिस भेजी गई है। जूहा. ब्रह्मौली ब्लॉक दोस्तपुर का निर्माण वर्ष 2008-09 में शुरू हुआ। छत पड़ चुकी है। हाईकोर्ट से स्टे होने के कारण निर्माण रोक दिया गया। निर्माण प्रभारी ने पांच लाख 15 हजार की धनराशि निकाल ली है।
जूहा. चंदेलेपुर ब्लॉक दूबेपुर का निर्माण वर्ष 2007-08 में शुरू हुआ। भूमि विवाद के कारण स्कूल का निर्माण शुरू नहीं हो सका है। धनराशि खाते में पड़ी हुई है। इसी तरह जूहा. गुड़बड़ ब्लॉक जयसिंहपुर का निर्माण वर्ष 2008-09 में निर्माण प्रभारी रीता सिंह ने शुरू कराया। छत पड़ी है। पांच लाख 15 हजार रुपए निकाल लिया गया है। निर्माण प्रभारी को बची धनराशि वसूली का नोटिस दिया गया है। कूरेभार ब्लॉक के अरवल कीरी करवत जूहा. का निर्माण वर्ष 2008-09 में शुरू हुआ। बरामदा की छत लग गई है। अन्य निर्माण बाकी है। पांच लाख 15 हजार रुपए में से एक लाख पांच हजार रुपए की वसूली निर्माण प्रभारी निशा श्रीवास्तव से की गई है।
कौस्तुभ सिंह बीएसए सुलतानपुर की सुनिए : सर्व शिक्षा अभियान के डीसी निर्माण से अधूरे स्कूल भवनों के निर्माण के बारे में रिपोर्ट मांगी गई है। उन्हें इस बारे में चेतावनी भी दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद सम्बंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ अधूरे स्कूलों का निर्माण कार्य पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
प्राथमिक विद्यालय बभनपुर का हाल : प्राथमिक विद्यालय बभनपुर को दशक भर बाद भी भवन नसीब नहीं हो सका है। यहां के बच्चों को खुले आसमान के नीचे पढ़ाई करनी पड़ रही है। नींव स्तर का काम शुरू होने के बाद भूमि विवाद के कारण निर्माण रोक दिया गया था। अब स्कूल के लिए भूमि मिल गई है। इसके निर्माण के लिए शासन से 14 लाख 50 हजार की डिमाण्ड की गई है। चार लाख 80 हजार रुपए खाते में पहले से जमा हैं।
बभनपुर में निर्माण वर्ष 2008-09 में शुरू हुआ। बीएसए की ओर से स्कूल के संचालन के लिए दो शिक्षकों की तैनाती भी की गई। तभी से खुले आसमान के नीचे बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इस समय विद्यालय में 36 बच्चे हैं। बारिस, तेज धूप व शीतलहर में स्कूल बंद रहता है। प्रधान सरोजा देवी ने जिले से लेकर शासन स्तर तक कई बार पत्र भेजा। स्कूल का रिकार्ड व अन्य सामान प्रधान के घर पर रखा जाता है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद शासन प्रधान की पहल पर जिला प्रशासन ने स्कूल के लिए भूमि विभाग को उपलब्ध करा दी है। शासन से मांगी गई धनराशि मिलने के बाद निर्माण कार्य शुरू कराने का दावा सर्व शिक्षा अभियान के डीसी आनंद शुक्ल की ओर से किया जा रहा है।