लखनऊ : कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने दी हड़ताल की चेतावनी
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ ।
-16 मार्च को चेतावनी दिवस और 23 मार्च को जीपीओ पर देंगे धरना
*-मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक नहीं किये जाने से हैं नाराज*
भाजपा सरकार की ओर से कर्मचारियों और शिक्षकों की लगातार उपेक्षा के विरोध में राज्यकर्मचारियों ने आंदोलन की घोषणा कर दी। मंगलवार को कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा ने आपात बैठक कर 16 मार्च को चेतावनी दिवस मनाने और 23 मार्च को जीपीओ पर धरना प्रदर्शन किये जाने का निर्णय लिया।
मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्र ने कर्मचारियों की मांगों पर सरकार के उपेक्षा पूर्ण रवैये के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने उपस्थित कर्मचारी नेताओं से कहा कि या तो वे सरकार की उपेक्षा और अपमान को बर्दाशत करें या फिर कर्मचारियों के हितार्थ संघर्ष का रास्ता अपनायें। भाजपा सरकार ने अपने दूसरे बजट में भी कर्मचारियों को ठेंगा दिखाया है। बजट में एरियर देने का भी प्रावधान नहीं है। भाजपा सरकार बंधुवा मजदूर की तरह काम तो कराना चाहती है किन्तु उन्हें जीने लायक सुविधा भी नहीं देना चाहती है। सभा को सम्बोधित करते हुए मोर्चा के संयोजक सतीश कुमार पाण्डेय ने नाराजगी व्यक्त की कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कर्मचारियों की मांगों पर एक बार भी मोर्चा के पदाधिकारियों के साथ बैठक नहीं की। मुख्य सचिव ने भी बैठक नहीं की जबकि कई बार उनसे अनुरोध किया गया था। श्री पांडे ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में आन्दोलन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।
*निगमों को नहीं मिल रहा सातवें वेतन आयोग का लाभ*
कर्मचारी नेता सुशील कुमार बच्चा, स्थानीय निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र, निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र ने कहा कि निगमों को कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल पाया है। इसी तरह स्थानीय निकायों के कर्मचारियों को भी सातवें वेतन आयोग का लाभ नहीं मिल पाया है। कुछ निगम ऐसे हैं जिन्हें चैथा और पांचवें वेतन आयोग का ही लाभ मिल रहा है। इस सम्बन्ध में मुख्य सचिव स्तर पर बैठक हुई थी जिसका निर्णय लम्बित है। मोर्चा ने मांग की थी कि ऐसे निगमों को विभागों में खाली पदों पर मर्ज कर दिया जाय या इन्हें सातवें वेतन आयोग का लाभ दिया जाय।
*आंदोलन में शामिल संगठन*
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, राज्य कर्मचारी महासंघ, स्थानीय निगम कर्मचारी महासंघ, राज्य निगम कर्मचारी महासंघ, माध्यमिक शिक्षणेत्तर कर्मचारी महासंघ, माध्यमिक शिक्षक संघ, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ, मिनिस्टीरियल फेडरेशन आफ फारेस्ट, कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ, जवाहर भवन-इन्दिरा भवन कर्मचारी महासंघ, विकास प्राधिकरण कर्मचारी संगठन, सिंचाई संघ, राजस्व अधिकारी संघ, फेडरेशन आफ पैरामेडिकल, फेडरेशन आफ डिप्लोमा फार्मेसिस्ट, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद
*मुख्य मांगें*
छठे वेतन आयोग की व्याप्त विसंगति को समाप्त कर सातवें वेतन आयोग का समस्त लाभ एरियर और केन्द्र के समान भत्तो सहित प्रदान किया जाये।
प्रदेश में कार्यरत सभी संवर्गों के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा संबंधी नीति बनाई जाये तथा इन्हें नियमित करने की व्यवस्था की जाये।
चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती पर लगी रोक हटाई जाए तथा प्रत्येक संवर्ग के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती की जाये।
*पुरानी पेंशन बहाल की जाये*