महराजगंज : दरवाजे पर बताएंगे इंसेफ्लाइटिस से बचाव का उपाय, दस्तक अभियान को प्रभावी बनाने में आशा, स्कूल शिक्षक व प्रधानों की होगी अहम भूमिका
जागरण संवाददाता, महराजगंज: पूर्वांचल में महामारी का रूप ले चुके इंसेफ्लाइटिस को दूर करने का रास्ता बताते हुए आशा, स्कूल शिक्षक व प्रधान लोगों को जागरूक करने का कार्य करेंगे। इसके लिए दस्तक अभियान (दरवाजा खटखटाना) के तहत एक अप्रैल से 15 अप्रैल तक ये घर-घर जाकर इन बीमारियों के बचाव तथा उपचार के संबंध में विभिन्न जानकारी देंगे तथा अन्य सभी विभाग अपनी संबंधित गतिविधियां यथा-साफ सफाई, जन जागरूकता हैंडपंप, हैंडपंप प्लेटफार्म मरम्मत, उथले हैंडपंप का चिन्हिकरण, फांगिग, लार्वीसाइडल स्प्रे, एइएस के कारण विकलांग बच्चों का चिन्हिकरण उनको सहायता, उपकरण उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। 1शनिवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. क्षमा शंकर पांडेय ने दस्तक कार्यक्रम की सफलता के लिए कक्ष में आयोजित बैठक में कार्यक्रम की रूप रेखा तय की। उन्होंने कहा कि जेई, एईएस से बचाव के लिए आशा को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ जेई, एईएस हेतु अति संवदेनशील गांवों के अंतर्गत आने वाले गांवों के 90 स्कूल के नोडल अध्यापकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षित शिक्षक, स्वास्थ्य कर्मी इस अभियान के जरिये लोगों को सही समय पर उपचार और बचाव के संदेश पहुंचाकर उन्हें जेई, एईएस की समस्या को निपटाने के लिए प्रेरित करेंगी। यूनिसेफ के जिला समन्वयक आदर्श त्रिपाठी ने कहा कि दस्तक कार्यक्रम को सफल बनाए जाने के लिए आने वाले दिनों में विभिन्न स्तरों पर कई जागरूकता एवं प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान डा. विवेक श्रीवास्तव ने कहा कि प्रशिक्षण के उपरांत आशा से अपेक्षित है कि वह हर घर तक पहुंचे जिनमें 15 वर्ष के क्रम उम्र के बच्चें हो, परिवारों से संपर्क करें और मुख्य संदेश प्रसारित करें। गृह भ्रमण का ट्रैक रखने के लिए और अपने गृह संपर्क दर्शाने के लिए, वह घर में प्रमुख जगह पर स्टीकर लगाएंगी और वह सुनिश्चित करेंगी कि घर के सदस्य बुखार के समय सरकारी अस्पताल से संपर्क करें। इस दौरान उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा. आईए अंसारी आदि सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।