गाजीपुर : बूढ़े बाप के कंधे पर उठी शिक्षामित्र बेटे की अर्थी, प्रकृति भी दहली
गाजीपुर। समायोजन रद्द होने के बाद से यूपी में शिक्षामित्रों के मरने का सिलसिला गुरुवार को जारी रहा। बुधवार की रात करीब 1:30 बजे सैदपुर शिक्षा क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय ताजपुर मोलना पर तैनात समायोजित शिक्षामित्र ओमप्रकाश सिंह कुशवाहा (42) की मौत हृदयाघात से हो गयी। परिजनों की माने तो समायोजन रद्द होने के बाद से ओम प्रकाश हमेशा परिवार को लेकर चिंतित रहते थे। दो बेटी, एक बेटा, पत्नी व बूढ़े माता-पिता के भरण-पोषण को लेकर हमेशा चिंतित रहने वाले ओम प्रकाश बुधवार को पूरी तरह स्वस्थ थे। रात अचानक उन्हें बेचैनी हुई और पलक झपकते ही उनकी सांस थम गई। ओमप्रकाश की मौत से शिक्षामित्रों में कोहराम मच गया है। ओम प्रकाश अपने परिवार का एकमात्र कमाऊ सदस्य थे। उनकी मौत से पूरे परिवार पर वज्रपात सा हो गया है। गुरुवार को ओमप्रकाश का अंतिम संस्कार गंगा नदी के गाजीपुर घाट पर किया गया, जहां ओमप्रकाश के बूढ़े पिता राम नारायण कुशवाहा ने कांपते हाथों से अपने बेटे को मुखाग्नि दी। यह दृश्य देख न सिर्फ वहां मौजूद हर किसी का कलेजा दहल गया, बल्कि प्रकृति भी सिसकने लगे। गंगा तट पर जहां कुछ देर के लिए हवाएं ठहर गयी, वही गंगा की लहरें भी शांत पड़ गयी। गंगा तट की धरा उदास थी। ओमप्रकाश कुशवाहा के अंतिम संस्कार में सम्मिलित जिला अध्यक्ष रामप्रताप, दिवाकर यादव, अमित, अवधेश, विवेक सिंह के साथ ही सैकड़ों की संख्या में शिक्षा मित्र व शिक्षक शामिल हुए।