फिरोजाबाद : मोदी सर.. भगा दिया एक्जाम फोबिया, अरे.. हमने तो कभी इस तरफ सोचा भी नहीं था, मुझे तो फोकस एवं डी-फोकस की बात सबसे अच्छी लगी।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद : अरे.. हमने तो कभी इस तरफ सोचा भी नहीं था। मुझे तो फोकस एवं डी-फोकस की बात सबसे अच्छी लगी। अब मैं भी इसी तरह से तैयारी करूंगी। तभी एक दूसरी छात्रा कहती है अरे 'ई क्यू' भूल गए क्या, इमोशनली क्वालिटी..। वो तो ¨जदगी भर काम आएगा। कुछ इसी तरह के संवाद नजर आए सीबीएसई स्कूलों में। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा को लेकर बच्चों से संवाद के बाद में बच्चे नए उत्साह से लबरेज नजर आए तो शिक्षकों के बीच भी मोदी छाए रहे। शिक्षकों का कहना था प्रधानमंत्री ने इतनी सरल भाषा में काफी कुछ समझा दिया, जिसे शायद शिक्षक होने के बाद भी हम नहीं समझा पाते।
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षाíथयों से संवाद के लिए स्कूलों में विशेष इंतजाम किए गए थे। किड्स कॉर्नर हैप्पी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में बड़ी स्क्रीन की व्यवस्था थी तो अमरदीप स्कूल में मी¨टग हॉल में प्रोजेक्टर लगाया गया था। परिषदीय स्कूलों में प्रधानमंत्री के टिप्स रेडियो पर गूंजे। जूनियर हाईस्कूल ढोलपुरा के प्रधानाध्यापक दौलतपाल ¨सह ने बच्चों को रेडियो पर पूरा कार्यक्रम सुनाते हुए समझाया। कई बच्चों ने अभिभावकों के साथ घर में टीवी पर लाइव देखा।
आप दस में से देंगे कितने अंक :
प्रधानमंत्री ने बच्चों से रू-ब-रू होते हुए कहा आज मेरी भी परीक्षा है आपके समक्ष। शिक्षकों को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने ही सदैव विद्यार्थी बनाए रखा। उन्होंने कहा यह मोदी का कार्यक्रम नहीं। देश के करोड़ों बच्चों का कार्यक्रम है। देखते है आप 10 में से कितने नंबर देते हैं। अभिभावकों को भी समझाया कि हर किसी का 'आइक्यू' लेबल अलग होता है। अभिभावक बच्चों पर अपेक्षाओं का बोझ न डालें।
-'बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने एकाग्र होने की विधि बताई। हमें लगता है इनके बताए टिप्स से हम अच्छी तरह पढ़ सकेंगे। अब घबराहट कुछ कम हुई है उनकी बातों को सुनकर तनाव एवं दबाव दोनों खत्म हुए हैं।'
-नवीला नूर
हाईस्कूल छात्रा
' हम किसी भी चीज पर तभी फोकस कर सकते हैं जब दिमाग खाली हो। इसके लिए डी-फोकस के संबंध में बताया। आइक्यू तो हम जानते थे मगर ई क्यू की बात उन्होंने की, जो सिर्फ इस परीक्षा में नहीं, ¨जदगी की हर परीक्षा में काम आएगी।'
-दिव्यांशी हाईस्कूल छात्रा
'परीक्षा का तनाव उनकी बातों को सुनकर खत्म हुआ है। अभिभावकों के लिए भी उन्होंने कहा कि एवरी वन हेज आउन पोटेंशियल। मतलब हर छात्र की अलग क्षमता है, ऐसे में सबसे एक जैसी अपेक्षा रखना ठीक नहीं।'
-सौम्या गुप्ता
हाईस्कूल छात्रा