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मैनपुरी : बेसिक शिक्षा विभाग के घोटालों की किताब बहुत मोटी, स्वेटर ही नहीं वर्दी में भी किया था फर्जीवाड़ा

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मैनपुरी : बेसिक शिक्षा विभाग के घोटालों की किताब बहुत मोटी, स्वेटर ही नहीं वर्दी में भी किया था फर्जीवाड़ा

मैनपुरी : बेसिक शिक्षा विभाग के घोटालों की किताब बहुत मोटी है। पलट रहे पन्नों पर घोटालों की इबारत लिखी है। परिषदीय स्कूलों में स्वेटर वितरण में लाखों का गोलमाल करने वालों ने बच्चों की ड्रेस में खूब गड़बड़ी की थी। विद्यालय प्रबंध समिति से बंटने वाली ड्रेस का ठेका गुपचुप चहेतों को दे दिया। ड्रेस में इस कदर कमीशनबाजी हुई कि दो माह में ही ड्रेस बेकार हो गई। जिन पर गुणवत्ता जांचने का जिम्मा था, उन्होंने भी मुंह फेर लिया।

बीते वर्ष जिले के 1 लाख 37 हजार 777 बच्चों को दो-दो ड्रेस बांटने के लिए शासन ने प्रति ड्रेस 200 रुपये के हिसाब से हर बच्चों को चार सौ रुपये ड्रेस के लिए निर्धारित किए। अगस्त के आखिर तक ड्रेस का वितरण किया गया। सरकार के साफ निर्देश थे कि ड्रेस का वितरण विद्यालय प्रबंध समिति से ही कराया जाए। कमीशनबाजी के फेर में यहां भी खेल हो गया। गुपचुप तरीके से शिक्षा विभाग के अफसरों ने खास कर्मचारियों से मिलकर ड्रेस ठेकेदारों से लेने को शिक्षकों पर दबाव बनाया। घिरोर विकास खंड के स्कूलों में ड्रेस वितरण का जिम्मा एक फर्म को दिया गया। जबकि कुरावली में दो अलग-अलग फर्मों को ये जिम्मेदारी सौंपी गई। बेवर, किशनी और मैनपुरी में एक फर्म को काम दिया गया। इस फर्म ने अकेले 50 से 60 फीसद ड्रेस का वितरण किया गया। जिस गुणवत्ता की ड्रेस की कीमत सरकार से दो सौ रुपये ली गई है, बाजार में उसकी कीमत 120 रुपये है। सूत्रों का कहना है कि इस खेल में अफसरों के खास बेवर क्षेत्र के एक शिक्षक और बीएसए दफ्तर में तैनात एक कर्मचारी की भी अहम भूमिका रही। सूत्रों का कहना है कि ये वही कर्मचारी हैं जो बीएड फर्जीवाड़ा का पर्दाफाश होने पर उसे मैनेज करने में लगे थे। ड्रेस की गुणवत्ता जांचने की जिम्मेदारी खंड शिक्षाधिकारी और जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता एसके यादव की थी।

कराई थी नपाई, छोटी-बड़ी बांट दी ड्रेस

स्कूलों में खुद टेलर को बुलाकर बच्चों की ड्रेस की नपाई करानी थी। लेकिन कमीशनबाजी के खेल में इसका भी ध्यान नहीं रखा गया। हाल ये हुआ कि थोक में एक ही साइज की आईं ड्रेस में कोई छोटी थी तो कोई बड़ी। बच्चों को मजबूरी में छोटी-बड़ी ड्रेस पहननी पड़ीं।

क्या कहते हैं अधिकारी

गुणवत्ता परखने के दौरान कार्रवाई की गई थीं। यदि ड्रेस वितरण में गड़बड़ी है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

विजय प्रताप ¨सह, बीएसए ।

कांग्रेस उठाएगी प्रदेश स्तर पर मुद्दा

स्वेटर वितरण में धांधली का मामला जागरण द्वारा उजागर करने के बाद अब राजनैतिक दलों ने भी इसे पुरजोर तरीके से उठाने का फैसला किया है। सांसद तेज प्रताप यादव ने इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है। वहीं सपा विधायक ब्रजेश कठेरिया इस मामले में विधानसभा में उठाकर दोषी अफसरों पर कार्रवाई की मांग करेंगे। कांग्रेस भी प्रदर्शन कर प्रदेश स्तर पर इस मामले को उठाएगी। कांग्रेस जिलाध्यक्ष संकोच गौड़ ने बताया कि बच्चों के साथ बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है, कांग्रेसी कार्रवाई के लिए शुक्रवार को डीएम को ज्ञापन देने के साथ ही पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को भी अवगत कराएंगे।

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