एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर श्रावस्ती बहराइच मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

उन्नाव : प्राइमरी के बच्चे जला रहे 'संस्कारों' का दीप, या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता। नमस्तस्ये नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:। जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार

0 comments

उन्नाव : प्राइमरी के बच्चे जला रहे 'संस्कारों' का दीप, या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता। नमस्तस्ये नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:। जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार

उन्नाव : या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता। नमस्तस्ये नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:। जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं उनको नमस्कार, उनको नमस्कार, उनको बारंबार नमस्कार है। डायट कैंपस में संचालित प्राइमरी स्कूल के बच्चों के यह भावार्थ है, जो प्रार्थना स्थल पर देखने को और सुनने को मिलते हैं। इसके बाद एक-एक दीप जलाकर बच्चे पढ़ाई के लिए कक्षा में प्रवेश करते हैं। कोई बच्चा छूट न जाए, इसके लिए सभी समय पर स्कूल पहुंचते हैं।

इल्म के साथ संस्कार जरूरी है। बच्चों के कदम स्कूल की दहलीज पर रखने से पहले मां-बाप की यही सोच होती है। डायट कैंपस के प्राइमरी विद्यालय में इन्हीं भावनाओं के साथ बच्चों को पढ़ाया जाता है। संस्कार की पाठशाला की वजह से यह स्कूल जिले के 2304 स्कूलों में नजीर बन गया है। कक्षा-एक से पांच तक संचालित स्कूल में 71 बच्चे हैं। इसमें 37 छात्र व 34 छात्राएं हैं। ये बच्चे दूसरे छात्रों के लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं हैं क्योंकि, शिक्षण कार्य के साथ यहां संस्कार की ज्योति वह हर दिन प्रार्थना स्थल पर जलाते हैं। संस्कृत में मंत्रोच्चारण करते हुए प्रति छात्र अपने नाम का दीप जलाते हैं। मंत्रों में या देवी सर्वभूतेषु चेतनेत्यभि-धीयते संस्थिता, या देवी सर्वभूतेषु दया रूपेण संस्थिता.., नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: हैं। एक-एक बच्चे द्वारा मंत्रों का उच्चारण किया जाता है। मध्याह्न भोजन से पहले ईश्वर का ध्यान कर वह अन्न ग्रहण करते हैं। घर पर भी इनका यह रुटीन रहता है। संस्कार की इस पाठशाला में बच्चों में आध्यात्मिक ज्ञान की ज्योति जला रहीं इंचार्ज शिक्षिका पूनम मिश्रा ने बताया कि बच्चों को हर दिन धार्मिक पाठ भी पढ़ाया जाता है। इतना ही नहीं, बड़ों का सम्मान, सफाई का महत्व, सच कहने की अहमियत, देश के प्रति वफादारी, बेवाओं और मजलूमों की मदद जैसे मुख्य विषयों पर तालीम दी जा रही है। इन सब के पीछे का मकसद अच्छे संस्कार देना है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।