नई दिल्ली : कई बदलाव के साथ होंगी परीक्षाएं, 10वीं में व्यापक और सतत मूल्यांकन (सीसीई) पद्धति अब खत्म
नई दिल्ली: कई बदलावों के साथ केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड () की 10 वीं व वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं सोमवार से शुरू हो रही हैं। नौ साल के बाद 10 वीं की बोर्ड परीक्षा फिर अनिवार्य कर दी गई हैं। में इन्हें ने स्वैच्छिक बना दिया था। विद्यार्थी बोर्ड या स्कूल स्तर पर परीक्षा में कोई एक विकल्प चुन सकते थे। 2018 से सरकार ने पूर्व में जारी व्यापक व सतत मूल्यांकन (सीसीई) पद्धति खत्म कर दी।1सोमवार को पहले दिन 10 वीं के विद्यार्थी वोकेशनल तो वीं के विद्याथी अंग्रेजी विषय की परीक्षा देंगे। अप्रैल को वीं के विद्यार्थियों के लिए होम साइंस की परीक्षा आयोजित होगी। इसके साथ ही परीक्षा का समापन हो जाएगा। दोनों कक्षाओं की परीक्षाएं सुबह 10:30 से शुरू होंगी। बोर्ड ने देशभर में कुल परीक्षा केंद्र बनाए हैं। इनमें परीक्षा देने के लिए दोनों कक्षाओं के कुल ,24,734 परीक्षार्थी रजिस्टर्ड हैं। इसमें वीं के 11,86,306 तो 10 वीं के 16,384 छात्र हैं। 1मधुमेह पीड़ित बच्चे परीक्षा कक्ष में चॉकलेट ले जा सकेंगे : परीक्षा के दौरान मधुमेह टाइप - 1 से पीड़ित विद्यार्थी परीक्षा कक्ष में शुगर की दवा, चॉकलेट, कैंडी, केला, संतरा, सेब, सैंडविच व पानी की छोटी बोतल ले जा सकेंगे। इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।
केंद्र देशभर में बनाए गएमें हो गई थी स्वैच्छिकलाख से अधिक छात्र देंगे परीक्षा
साल बाद होगी 10 वीं बोर्ड की परीक्षा
अप्रैल तक चलेंगी बोर्ड की परीक्षाएं
आकस्मिक बीमारी पर स्क्राइब की सुविधा 1 ने अपने परीक्षा उपनियमों में अहम बदलाव किया है। इसके तहत परीक्षा के दौरान अगर विद्यार्थी आकस्मिक रूप से बीमार हो जाते हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें प्रश्न पत्र हल करने के लिए स्क्राइब (लिपिक) की सुविधा मिलेगी। इस सुविधा का लाभ प्राप्त करने के लिए आकस्मिक रूप से बीमार विद्यार्थी को असिस्टेंट सर्जन स्तर के चिकित्सा अधिकारी की तरफ से जारी मेडिकल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना होगा। वह जूनियर विद्यार्थी का स्क्राइब के तौर पर प्रयोग कर सकेंगे। ऐसे विद्यार्थियों को अतिरिक्त समय के साथ-साथ एक अलग कक्ष उपलब्ध कराएगा।133} वाले भी 10वीं में पास110 वीं बोर्ड परीक्षा में पास होने के मानदंड में भी अहम बदलाव किया है। आंतरिक व बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन को मिलाकर 33 फीसद अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी भी पास हो जाएंगे। यह बदलाव सिर्फ इस सत्र की परीक्षा के लिए किया गया है।