लखनऊ : रिजल्ट जारी न होने से शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं हो पाएंगे 20 हजार छात्र
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । शैक्षिक सत्र 2013-14 में बीएड में दाखिला लेने वाले प्रदेश के लगभग 20 हजार छात्रों का परीक्षाफल अब तक अधर में फंसा हुआ है। इनमें सबसे ज्यादा छात्रा आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के हैं। परीक्षाफल घोषित न होने से वे राजकीय इंटर कॉलेजों में होने जा रही एलटी ग्रेड के शिक्षकों की भर्ती में शामिल नहीं हो पाएंगे। इससे पहले वे टीईटी में भी शामिल नहीं हो पाए थे।
*शासन के निर्देश पर हुआ था प्रवेश*
सत्र 2013-14 की बीएड प्रवेश परीक्षा दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने कराई थी। उसी वर्ष सुप्रीम कोर्ट ने बीएड दाखिले का शिड्यूल तय किया था, जिसमें प्रवेश परीक्षा की तिथि से लेकर प्रवेश देने तक की तिथि निर्धारित कर दी गई थी। प्रवेश के लिए काउंसलिंग के बाद बीएड की काफी सीटें खाली रह गई थीं। कॉलेजों की मांग पर शासन ने रिक्त सीटों का विज्ञापन जारी करके प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण परीक्षार्थियों को ही प्रवेश के लिए आमंत्रित करने और मेरिट के आधार पर सीधे प्रवेश लेने की अनुमति दे दी थी। इस प्रक्रिया में लगभग 20 हजार सीटों पर प्रवेश सुप्रीम कोर्ट से तय दाखिले की तारीख के बाद हुए। विश्वविद्यालयों ने सुप्रीम कोर्ट के शिड्यूल का हवाला देते हुए ऐसे छात्रों की परीक्षा लेने से इनकार कर दिया। इस पर कॉलेजों ने शासन से गुहार लगाई। शासन के हस्तक्षेप के बाद इन छात्रों को प्रॉविजनल आधार पर परीक्षा में शामिल होने की अनुमति मिली। कुछ विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेजों ने हाईकोर्ट की भी शरण ली। हाईकोर्ट ने इन बीएड छात्रों की लिखित व प्रैक्टिकल परीक्षाएं कराने लेकिन परीक्षाफल घोषित करने पर रोक लगा दी थी।
*सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के डर से लटका मामला*
अभ्यर्थियों के दबाव में कॉलेज शासन से अनुरोध करते रहे कि सुप्रीम कोर्ट को पूरे तथ्यों से अवगत कराकर कोई दिशा-निर्देश प्राप्त किया जाए लेकिन अवमानना के डर से शासन ऐसा नहीं हो सका। विश्वविद्यालयों ने शासन के हस्तक्षेप पर अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल तो होने दिया लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के डर से परीक्षाफल घोषित नहीं कर रहे हैं। परीक्षाफल घोषित न होने के कारण ये छात्र न तो टीईटी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाए और न ही अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में ही शामिल नहीं हो पा रहे हैं। अब तक केवल डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद का ही परीक्षाफल घोषित हो सका है।
*अपर मुख्य सचिव को दी पूरी जानकारी*
स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी ने बताया कि उन्होंने हाल ही में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा संजय अग्रवाल से मुलाकात करके उन्हें पूरे मामले से अवगत कराया और ज्ञापन भी दिया। उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश की प्रति भी मुहैया कराई गई, जिसके आधार पर अवध विश्वविद्यालय फैजाबाद ने सत्र 2013-14 का रुका हुआ परीक्षाफल भी घोषित किया है। इसी आधार पर आगरा समेत अन्य विश्वविद्यालयों का भी रुका हुआ परीक्षाफल घोषित कराया जाना चाहिए। श्री त्रिवेदी ने कहा कि बीएड की शेष सीटों पर दाखिले की अनुमति खुद शासन ने दी थी। उसे ही सुप्रीम कोर्ट के सामने कॉलेजों का पक्ष रखना चाहिए था। इसमें छात्रों का या कॉलेजों का कोई दोष नहीं है।