लखनऊ : परीक्षा केंद्र से दूर बैठकर लैपटॉप से साल्व करते थे पेपर
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । तकनीक का सहारा लेकर एसएससी एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में सेंध लगाने वाले गिरोह का पर्दाफाश होने से परीक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। ‘टीम व्यूअर और ‘एम्मे जैसे इलेक्ट्रानिक माध्यमों का इस्तेमाल करके यह गैंग परीक्षा केंद्र से दूर लैपटॉप लेकर बैठे किसी दूसरे व्यक्ति से खास परीक्षार्थियों के पेपर हल कराता था।
यूपी पुलिस की एसटीएफ ने इस गिरोह के चार सदस्यों गाजियाबाद निवासी सोनू कुमार, बहादुरगढ़ (हरियाणा) निवासी अजय कुमार व परमजीत सिंह तथा तिमारपुर (दिल्ली) निवासी गौरव नैय्यर को मंगलवार को दिल्ली के तिमारपुर थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था। पूछताछ में इन अभियुक्तों ने एसटीएफ को बताया कि वे ‘टीम व्यूअर और ‘एम्मे जैसे टूल्स का प्रयोग कर परीक्षार्थी के कम्पूटर का ‘एक्सेस प्राप्त कर लेते हैं और दूर बैठकर अपने लैपटॉप से ही पेपर हल कर देते हैं, जहां यह ‘टूल्स काम नहीं करते वहां कम्प्यूटर लैब में ही परीक्षार्थी के कम्प्यूटर की ‘लैन सरवर से अपने लैपटॉप से जोड़कर पेपर हल करने के बाद परीक्षार्थी के कम्प्यूटर की ‘लैन वापस जोड़ दी जाती है और परीक्षार्थी को सारा पेपर हल मिलता है। यह गैंग पश्चिमी उत्तर प्रदेश, एनसीआर, दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान में सक्रिय था और पैसे लेकर परीक्षार्थियों को गलत तरीके से लाभ पहुंचा रहा था।
*परीक्षा कराने वाली कंपनी के कर्मचारी भी थे गिरोह में शामिल*
दिल्ली के तिमारपुर थाना क्षेत्र स्थित गांधी विहार के जिस मकान (बी 251, 252) में दबिश देकर यह गिरफ्तारी की गई, वह गैंग लीडर हरपाल का है। हरपाल पकड़े गए अभियुक्त गौरव का जीजा है। इस कार्य के लिए गिरोह ने गांधी बिहार में ही कई फ्लैट और भी किराए पर ले रखे है, जहां बैठकर वे परीक्षाओं के पेपर हल करते हैं। हरपाल के साथ अन्नू व सोनू ने कई कम्प्यूटर लैब बना रखी है जहां विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के सेंटर रखवा कर आनलाइन परीक्षाओं के पेपर मोटी रकम लेकर हल करते थे।
25 मार्च को सोनू कुमार ने जयपुर (राजस्थान) में गौरव का पेपर ‘लैन के माध्यम से हल कराया था। इन लोगों की दिल्ली में 10-12 कम्प्यूटर लैब है जिसमें प्रमुख लिंगायत, रवि, आसमा हैं। एसएससी में इस परीक्षा को कराने का टेंडर ‘सिफी नाम की कंपनी को दिया है। यह कंपनी प्राइवेट कम्प्यूटर लैब्स को किराए पर लेकर परीक्षा का संचालन कर रही है। एसटीएफ के अनुसार इस कंपनी के कर्मचारी भी गैंग में शामिल हैं। इसमें एक प्रमुख नाम दीपक का है, जो स्वयं भी 27 मार्च को इस परीक्षा में सम्मिलित हुआ। हरपाल, सोनू व अन्नू से दीपक की साठगांठ है। दीपक स्वयं कम्प्यूटर लैब्स में ‘टीम व्यूअर और ‘एम्मे जैसे टूल्स परीक्षार्थियों के कम्प्यूटर में लोड कर देता है अथवा अपने साथियों से करवा देता है और विभिन्न लैब्स में हरपाल, सोनू व अन्नू से बराबर संपर्क में बना रहता है।
*प्रति परीक्षार्थी वसूलते थे 10 से 15 लाख रुपये*
आनलाइन पेपर हल कराने के लिए यह लोग एक प्रतियोगी परीक्षार्थी से 10 से 15 लाख रुपये तक वसूलते हैं। ये एक लैब में एक शिफ्ट में कम से कम 5 परीक्षार्थिओं के पेपर सोल्व कराते हैं। इस हिसाब एक लैब में एक दिन में 15 परीक्षार्थियों के पेपर सोल्व कराते है। इनके पास वर्तमान में 10 से 12 कम्प्यूटर लैब होने की जानकारी एसटीएफ को मिली है। एक अनुमान के अनुसार यह गैंग एक दिन में कुल 180 परीक्षार्थियों के पेपर अवैध तरीके से हल करा रहा था। एसएससी की यह परीक्षा 10 मार्च से 28 मार्च तक तीन शिफ्टो में होनी थी। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरुद्ध तिमारपुर थाने में धारा 419, 420 व 120बी तथा 66 आईटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराकर विवेचना की जा रही है।