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प्रतापगढ़ : फतनपुर स्कूल में दूध पिलाने में सरकार नाकाम

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प्रतापगढ़ : फतनपुर स्कूल में दूध पिलाने में सरकार नाकाम

संसू, गौरा : जिस फतनपुर स्कूल में एक सप्ताह पहले दूध पीकर बच्चे बीमार हो गए थे। वहां बुधवार को नियत दिन सरकारी तंत्र दूध ही उपलब्ध नहीं करा पाया। लाइसेंस और चेकिंग के डर से कोई दूधिया यहां दूध देने ही नहीं आया। न ही शिक्षा विभाग से लेकर ग्राम प्रधान तक दूध का इंतजाम करा सके। ऐसे में अफसरों के आगे बच्चों को केवल तहरी से गुजारा करना पड़ा।

जिले के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के नाम पर मिलावटी दूध बंट रहा है। फतनपुर स्कूल में जब दूध पीकर पिछले बुधवार को बड़े पैमाने पर बच्चे बीमार हो गए तब प्रशासन का ध्यान इस ओर गया। ऐसे में प्रशासन ने सख्ती कर दी और दूध की जांच होने लगी। इसके अलावा यह भी देखा जाने लगा कि जो दूधिया दूध सप्लाई करता हो उसके पास लाइसेंस भी हो। इन मानकों पर जब सख्ती की गई तो नतीजा यह निकला कि फतनपुर स्कूल में बुधवार को कोई दूधिया दूध देने को राजी ही नहीं हुआ। जाहिर है लाइसेंसी दूधियों की संख्या न के बराबर है।

उधर, स्कूल से बच्चों का मोहभंग अभी खत्म नहीं हुआ है। 140 की संख्या में केवल 60 बच्चे ही स्कूल आए थे। जिन्हें एसडीएम अभय कुमार पांडेय व बीएसए बीएन सिंह ने स्कूल आने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने मिड डे मील चेक किया और हालांकि इस दौरान दूध न मिल पाने पर बच्चों को केवल तहरी से ही संतुष्ट होना पड़ा।

संसू, गौरा : जिस फतनपुर स्कूल में एक सप्ताह पहले दूध पीकर बच्चे बीमार हो गए थे। वहां बुधवार को नियत दिन सरकारी तंत्र दूध ही उपलब्ध नहीं करा पाया। लाइसेंस और चेकिंग के डर से कोई दूधिया यहां दूध देने ही नहीं आया। न ही शिक्षा विभाग से लेकर ग्राम प्रधान तक दूध का इंतजाम करा सके। ऐसे में अफसरों के आगे बच्चों को केवल तहरी से गुजारा करना पड़ा।1जिले के सरकारी स्कूलों में मिड डे मील के नाम पर मिलावटी दूध बंट रहा है। फतनपुर स्कूल में जब दूध पीकर पिछले बुधवार को बड़े पैमाने पर बच्चे बीमार हो गए तब प्रशासन का ध्यान इस ओर गया। ऐसे में प्रशासन ने सख्ती कर दी और दूध की जांच होने लगी। इसके अलावा यह भी देखा जाने लगा कि जो दूधिया दूध सप्लाई करता हो उसके पास लाइसेंस भी हो। इन मानकों पर जब सख्ती की गई तो नतीजा यह निकला कि फतनपुर स्कूल में बुधवार को कोई दूधिया दूध देने को राजी ही नहीं हुआ। जाहिर है लाइसेंसी दूधियों की संख्या न के बराबर है। 1उधर, स्कूल से बच्चों का मोहभंग अभी खत्म नहीं हुआ है। 140 की संख्या में केवल 60 बच्चे ही स्कूल आए थे। जिन्हें एसडीएम अभय कुमार पांडेय व बीएसए बीएन सिंह ने स्कूल आने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने मिड डे मील चेक किया और हालांकि इस दौरान दूध न मिल पाने पर बच्चों को केवल तहरी से ही संतुष्ट होना पड़ा।प्रा.वि.फतनपुर में जांच पड़ताल करने पहुंचे एसडीएम व बीएसए ’ जागरणफतनपुर स्कूल में बुधवार को दूध का वितरण होना था, लेकिन दूध मिल ही नहीं पाया। इसलिए इस वहां दूध का वितरण नहीं हुआ। अगले सप्ताह इसे सुनिश्चित कराया जाएगा।1बीएन सिंह, बीएसए

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