लखनऊ : टीईटी अभ्यर्थियों ने निकाला पैदल मार्च, भाजपा कार्यालय का घेराव किया
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । 290 करोड़ की धन राशि राज्य सरकार के खजाने में जमा कर पिछले सात साल से शिक्षक बनने का सम्मान मांग रहे टीईटी अभ्यर्थियों के प्रति किसी की जवाबदेही तय नहीं हो रही है। बेरोजगारी का टीका लगाये करीब ढाई सौ से ज्यादा टीईटी अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को जीपीओ स्थित सरदार बल्लभभाई पटेल पार्क से लेकर भाजपा कार्यालय तक 'भीख नहीं अधिकार चाहिए, शिक्षक का सम्मान चाहिए' के नारे लगाते हुए पैदल मार्च किया। इसके बाद सैकड़ों की संख्या में इकट्ठा होकर धरना दिया।
इससे पहले सरदार बल्लभ भाई पटेल पार्क में धरना दे रहे अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई। अभ्यर्थियों को पुलिस ने लाठी फटकार कर वहां से भागने पर मजबूर तो कर दिया, लेकिन अभ्यर्थी बीजेपी कार्यालय की तरफ कूच कर गए।
मेरिट के आधार पर होने वाली 2011 भर्ती प्रक्रिया में चयनित होने के लिए अभ्यर्थियों ने प्रदेश भर के जिलों से आवेदन किया। बेरोजगारी से जूझ रहे अभ्यर्थियों ने आवेदन करने के लिए अपनी बहनों के शादी के जेवर तक गिरवी रख दिये, लेकिन भर्ती प्रक्रिया पूरी न होने से बेरोजगार ही बने रहे।
लगभग एक साल पहले भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के लिए कोर्ट से भी आदेश मिल चुका है, लेकिन भर्ती प्रक्रिया अभी तक लंबित है। अभ्यर्थियों की शिकायत है कि एक दिन की काउंसलिंग भी कराई गई। उसके बाद फिर प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई। सात साल से नौकरी और सम्मान की इस लड़ाई में प्रदेश भर के लगभग 73 हज़ार छात्र फंसे हैं।
*बल प्रयोग कर भाजपा कार्यालय से निकाले गए अभ्यर्थी*
भाजपा कार्यालय में सुबह से धरने पर बैठे अभ्यर्थी हटने का नाम नहीं ले रहे थे। काफी समय बीतने के बाद मौके पर पुलिस और एसएसपी ने लाठियां फटकार कर अभ्यर्थियों को कार्यालय से बाहर निकाला। हालांकि, इस बीच भी पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच तीखी नोकझोंक बनी रहीं।