लखनऊ : नहीं मिल रहे अंग्रेजी के शिक्षक, राजधानी में प्रत्येक ब्लाक व नगर क्षेत्र में पांच-पांच प्राइमरी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम में तब्दील करने की योजना परवान नहीं चढ़ पा रही
जागरण संवाददाता, लखनऊ : राजधानी में प्रत्येक ब्लाक व नगर क्षेत्र में पांच-पांच प्राइमरी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम में तब्दील करने की योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। अप्रैल में शुरू हो रहे नए शैक्षिक सत्र में इंग्लिश मीडियम के 45 स्कूल शुरू होने हैं, लेकिन इनके लिए शिक्षक ही ढूंढ़े नहीं मिल पा रहे हैं। प्रत्येक स्कूल में एक हेडमास्टर व चार शिक्षक तैनात होने हैं। इन्हें प्राइमरी व पूर्व माध्यमिक स्कूलों में पहले से तैनात शिक्षकों में से ही चुना जाना है, मगर 225 पदों के सापेक्ष सिर्फ 180 शिक्षकों ने आवेदन किया और 152 शिक्षक परीक्षा में शामिल हुए। 1राजधानी में 45 इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूलों के लिए पूरे शिक्षक इसलिए नहीं मिल पा रहे क्योंकि यहां किस ब्लॉक में कौन-कौन से पांच प्राइमरी स्कूल इंग्लिश मीडियम के होंगे इसकी कोई सूची जारी नहीं की गई है। दरअसल, शिक्षकों को भय है कि कहीं उन्हें दूरदराज के स्कूलों में न भेज दिया जाए। शनिवार को निरालानगर स्थित प्राइमरी स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए लिखित परीक्षा हुई। परीक्षा सुबह 11:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक हुई। इसमें 180 शिक्षकों को शामिल होना था, लेकिन 152 शिक्षक ही सम्मिलित हुए। इस परीक्षा में 50 बहुविकल्पीय सवालों का जवाब दिया जाना था। बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी का कहना है कि इसमें शामिल हुए शिक्षकों को मानक के अनुसार नियुक्ति जल्द दे दी जाएगी। बाकी खाली पदों को भरने के लिए जल्द दोबारा आवेदन मांगे जाएंगे। जल्द ही हर ब्लॉक व नगर क्षेत्र में कुल 45 प्राइमरी स्कूलों को इंग्लिश मीडियम स्कूलों में तब्दील कर दिया जाएगा। सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर टीचर ही नहीं मिलेंगे तो यहां पर अंग्रेजी की पढ़ाई कैसे शुरू कराई जा सकेगी और सरकार की मंशा कैसे सफल होगी।