इलाहाबाद : निजी बीटीसी कॉलेज ने बैंक में जमा कराई घूस की रकम, घूस नहीं मिलने पर निजी कॉलेजों ने कर दिया था फेल
हिन्दुस्तान टीम, इलाहाबाद । निजी बीटीसी कॉलेजों ने मनमानी की सारी हदें पार कर दी थी। बीटीसी की संबद्धता लेने के बाद प्रशिक्षुओं से अवैध धन उगाही करने वाले नोएडा के एक कॉलेज ने तो अपने खाते में घूस की रकम जमा करा ली थी। मामला हाईकोर्ट पहुंचने के बाद कॉलेज को चार साल बाद 1.62 लाख रुपये छात्रा को लौटाना पड़े हैं।
बीटीसी 2013 बैच में इलाहाबाद की प्रिया चौरसिया ने नोएडा के एक निजी कॉलेज में प्रवेश लिया था। फीस के रूप में उसे 44 हजार रुपये देने थे लेकिन कॉलेज ने 3.5 लाख रुपये की डिमांड की। कई बार में छात्रा ने कॉलेज में ढाई लाख रुपये जमा करा दिए, जिसमें से एक लाख 62 हजार रुपये खाते में और बाकी की रकम कैश जमा की। इसके बाद भी पूरी रकम नहीं मिलने पर छात्रा को प्रशिक्षण बाधित करने की धमकी दी गई लेकिन इसके बावजूद उत्पीड़न बंद नहीं हुआ।कॉलेज की ओर से उसे सेमेस्टर परीक्षा में सम्मिलित होने से रोकने की धमकी मिलने लगी। इससे आजिज आकर छात्रा ने हाईकोर्ट में कॉलेज के खिलाफ 2015 में याचिका कर दी। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप पर वह सेमेस्टर परीक्षा में सम्मिलित हो सकी। 27 मार्च को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कॉलेज के वकील ने बताया कि छात्रा को बैंक ऑफ इंडिया का 1.62 हजार रुपये का चेक दिया जा चुका है। मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
घूस नहीं मिलने पर निजी कॉलेजों ने कर दिया था फेल
20 मार्च को घोषित बीटीसी 2015 द्वितीय सेमेस्टर का परिणाम निजी कॉलेजों के कारण चार महीने तक फंसा रहा। घूस नहीं मिलने पर प्रदेशभर के तकरीबन 70 निजी कॉलेजों ने बीटीसी 2015 बैच के द्वितीय सेमेस्टर के 3.5 हजार प्रशिक्षुओं को एक विषय के आंतरिक नंबर इस प्रकार दिए थे कि उनके कॉलेज के सभी छात्र या तो फेल हो रहे थे या फिर आंतरिक के एक विषय में सभी छात्रों को अनुपस्थित दिखा दिया। सचिव डॉ. सुत्ता सिंह ने कॉलेजों को मान्यता छीनने की नोटिस जारी की तब कहीं जाकर आंतरिक मूल्यांकन के नंबर सही हुए।