इलाहाबाद : मूल दस्तावेजों को लेकर सीबीआई व यूपीपीएससी में मची खींचतान, शासन स्तर पर मुद्दा उठाने की तैयारी।
पांच साल में हुई सभी भर्तियों की जांच में सीबीआइ को बुनियादी संसाधनों की जरूरत
इलाहाबाद : उप्र लोक सेवा आयोग से पांच साल में हुई सभी भर्तियों की जांच कर रही सीबीआइ के पास बुनियादी सुविधाओं और संसाधन की कमी है। राज्य सरकार से अपेक्षित सहयोग के लिए सीबीआइ के एसपी राजीव रंजन सोमवार को लखनऊ में उच्चाधिकारियों से मुलाकात कर सकते हैं वहीं, आयोग के असहयोगात्मक रुख से भी शासन को अवगत करा सकते हैं। जांच तेज होने पर प्रदेश के कई जिलों में सीबीआइ टीम को जाना होगा, इसके मद्देनजर भी लखनऊ में अफसरों का गंभीर मंथन होने की संभावना है।
आयोग के कंप्यूटरों से अधिकांश डाटा प्राप्त कर लेने के बाद सीबीआइ ने अपने विशेषज्ञों से उसकी जो छानबीन अब तक कराई है उससे भर्तियों में धांधली के कई प्रकरण मिले हैं। इस सिलसिले में सीबीआइ टीम जल्द ही प्रदेश के विभिन्न जिलों का गोपनीय दौरा करने वाली है। जिलों में जांच संबंधी कार्य के लिए अतिरिक्त मैन पावर, गाड़ियां और रुकने के स्थान की आवश्यकता होगी। सोमवार को एसपी राजीव रंजन की इसी सिलसिले में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक होनी है। इस बैठक में विशेषकर राज्य सरकार की ओर से सीबीआइ को इलाहाबाद में मुहैया कराए गए बुनियादी ढांचे पर भी विचार होगा। सूत्र बताते हैं कि उप्र लोक सेवा आयोग में सीबीआइ को जांच के दौरान अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। साथ ही गोविंदपुर स्थित कैंप कार्यालय में भी सीबीआइ बुनियादी सुविधाओं की कमी महसूस कर रही है। इस मुद्दे पर बात होने की संभावना जताई जा रही है।
कैंप कार्यालय में सुरक्षा की दरकार : गोविंदपुर स्थित कैंप कार्यालय में सीबीआइ अफसरों को प्रशासन ने जो सुविधाएं मुहैया कराई हैं उसमें जांच टीम को कई कमियां अखर रही हैं। सूत्र बताते हैं कि कैंप कार्यालय में कई प्रतियोगी अपनी शिकायतें करने पहुंच रहे हैं, कभी-कभी रात को भी लोग पहुंचते हैं। ऐसे में सीबीआइ टीम के सामने सुरक्षा का सवाल भी उत्पन्न हो गया है। सीबीआइ के अफसर अपनी सुरक्षा को लेकर सक्षम हैं।