इलाहाबाद : सीबीसीआईडी से पेपर लीक में लेंगे जानकारी।
सीबीआइ जांच में फंसेगा लोअर पीसीएस परीक्षा का परिणाम, सुप्रीम कोर्ट जा सकता है आयोग.
इलाहाबाद : लोअर सबऑर्डिनेट परीक्षा 2015 के परिणाम का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों को सीबीआइ जांच बड़ा झटका दे सकती है। इसकी प्रारंभिक परीक्षा भी जांच के दायरे में है। आयोग की पूर्व परीक्षा समिति की मनमानी का खामियाजा कई अभ्यर्थियों को सफलता के बावजूद भुगतना पड़ सकता है। 1आयोग ने लोअर सबऑर्डिनेट के 635 पदों (सामान्य और विशेष चयन) पर भर्ती के लिए चार जनवरी 2018 से 23 फरवरी तक कुल 2113 अभ्यर्थियों का साक्षात्कार आयोजित कराया है। अब इसका परिणाम जारी करने की तैयारी है। आयोग का कहना है कि इसी महीने परिणाम आ जाएगा। इसमें सफल अभ्यर्थियों की भर्ती 11 प्रकार के पदों पर होगी। आयोग ने लोअर सबऑर्डिनेट 2015 की मुख्य परीक्षा 24 अप्रैल 2016 को इलाहाबाद और लखनऊ के केंद्रों पर कराई थी। जबकि इसकी प्रारंभिक परीक्षा 17 जनवरी 2016 को हुई थी। प्रदेश सरकार ने चूंकि आयोग की ओर से एक अप्रैल 2012 से 31 मार्च 2017 के बीच हुई सभी परीक्षाओं की सीबीआइ जांच कराने का निर्णय लिया है इसलिए लोअर सबऑर्डिनेट की प्रारंभिक परीक्षा की भी जांच होनी है। पिछले दिनों सीबीआइ ने भी संकेत दिए थे कि पीसीएस 2015 के अलावा लोअर सबऑर्डिनेट 2015 की जांच भी होगी। जिसमें सफल अभ्यर्थियों से पूछताछ की जा सकती है। परीक्षा परिणाम की आस लगाए अभ्यर्थियों में भी सीबीआइ जांच को लेकर संशय बना हुआ है। आयोग की पूर्व परीक्षा समिति को हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद यह संशय और भी बढ़ गया है कि परिणाम कहीं जांच में उलझ कर न रह जाए। वहीं अन्य प्रतियोगियों का कहना है कि गलत तरीके से चयन पाने वाले अभ्यर्थियों की जांच जरूर होनी चाहिए, जिससे कि योग्य अभ्यर्थियों का अधिकार सुरक्षित रहे।
सुप्रीम कोर्ट जा सकता है आयोग
पांच साल के दौरान हुई सभी भर्तियों की सीबीआइ जांच के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने पर उप्र लोक सेवा आयोग सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के प्रयास में है। सूत्र बताते हैं कि आयोग अध्यक्ष अनिरुद्ध यादव सहित अन्य सदस्य, इस संबंध में अधिवक्ताओं की राय गुपचुप ले रहे हैं। हालांकि आयोग ने अभी इसका निर्णय नहीं लिया है लेकिन आसार हैं कि होली त्योहार के बाद परीक्षा समिति सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है।