मेरठ : जूनियर स्कूलों में होगी सीधी भर्ती, रोक हटी, प्रदेशभर के जूनियर हाईस्कूलों में डेढ़ साल से रिक्त पड़े प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों के पदों को भरने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दे दी
हिन्दुस्तान टीम, मेरठ । प्रदेशभर के जूनियर हाईस्कूलों में डेढ़ साल से रिक्त पड़े प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों के पदों को भरने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने हरी झंडी दे दी है। पूर्व सपा सरकार के कार्यकाल में अधूरी रही इन अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों की भर्ती खुलने से छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। जिलों में रिक्त पदों को भरने की जिम्मेदारी संबंधित जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी की होगी। प्रदेश में करीब दो हजार पदों पर भर्ती होने की उम्मीद है।
उत्तर प्रदेश में शिक्षकों की नियुक्ति का यह आदेश अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में लागू होगा। ये सभी स्कूल मैनेजमेंट से संचालित होते हैं। सपा सरकार के कार्यकाल में इन स्कूलों में तीन हजार से ज्यादा पदों पर नियुक्ति हुई, लेकिन बाद में समय-सीमा खत्म होने के बाद प्रक्रिया बंद हो गई। तब से इन स्कूलों में भर्ती प्रक्रिया बंद थी। इस दौरान अनेक स्कूल शिक्षक एवं प्रधानाध्यापकों के रिटायर होने से खाली हो गए। मामला हाईकोर्ट पहुंचा। इसी क्रम में अब सरकार ने उक्त जूनियर हाईस्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती के आदेश दे दिए हैं। शिक्षा निदेशक (बेसिक) द्वारा जारी आदेशों के अनुसार एक प्रधानाध्यापक और चार सहायक अध्यापकों के न्यूनतम मानकों के आधार पर स्कूलों में भर्ती प्रक्रिया पूरी करा दी जाए। संबंधित स्कूल का मैनेजमेंट रिक्त पदों की सूचना के साथ बीएसए को प्रस्ताव भेजेगा। जांच के बाद बीएसए विज्ञापन की अनुमति देंगे। यह विज्ञापन दो समाचार पत्रों के प्रकाशित कराना होगा जिसमें से एक प्रदेश स्तर पर प्रसारित होना चाहिए। स्कूलों में सभी विषयों के अध्यापकों की नियुक्ति करनी होगी। जिन स्कूलों में हेडमास्टर या टीचर सस्पेंड हैं उन पदों को रिक्त नहीं माना जाएगा। जो जूनियर स्कूल हाईस्कूल या इंटरमीडिएट में उच्चीकृत हो चुके हों वहां प्रधानाध्यापक का पद नहीं भरा जाएगा। बिना अनुमोदन के शिक्षकों की नियुक्ति देने पर मैनेजमेंट जिम्मेदार होगा। इन स्कूलों में नियुक्ति के ये आदेश सभी बीएसए को मिल गए हैं।