प्रतापगढ़ : बीईओ गौरा को एडवर्स इंट्री, बीएसए से स्पष्टीकरण
जासं, प्रतापगढ़ : फतनपुर स्कूल में दूध पीकर बच्चों के बीमार होने की घटना को प्रशासन ने बेहद गंभीरता से लिया है। इस मामले में प्रधानाध्यापक व एक शिक्षक पहले ही निलंबित हो चुके हैं। अब बीईओ गौरा को प्रतिकूल प्रविष्टि देते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से भी जवाब तलब किया गया है।
फतनपुर स्कूल में हुई घटना के चलते बुधवार को जिले से लेकर शासन तक हड़कंप मच गया था। गनीमत रही कि सभी बच्चे स्वस्थ हो गए, लेकिन इस घटना को साफ तौर पर लापरवाही के रूप में ही देखा जा रहा है। दूध पीने के बाद बच्चों को जब उल्टियां होने लगीं तो उन्हें अस्पताल भिजवाने की बजाय जिस तरह से छुट्टी कर दी गई थी। साथ ही प्रशासन को जिस तरह से इसकी सूचना बेहद देरी से मिली, उससे अधिकारी बेहद नाराज हैं। जिलाधिकारी शंभु कुमार ने बताया कि यह बेहद गंभीर मामला है। इसमें विभागीय जांच चल ही रही है। साथ ही बीईओ गौरा को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी से भी जवाब तलब किया गया है। जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिले के सभी स्कूलों को मिड डे मील बनाने के दौरान विशेष साफ सफाई और दूध की गुणवत्ता आदि को लेकर स्पष्ट निर्देश दे दिए गए हैं। कहीं भी लापरवाही सामने आने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। उधर, बीएसए बीएन ¨सह ने बताया कि स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को निर्देशित कर दिया गया है कि जो दूध आता है, उसका सैंपल दूसरे दिन के लिए सुरक्षित रखा जाए।
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चौबीस घंटे बाद जिला अस्पताल से घर पहुंचे बच्चे
संसू, रानीगंज : फतनपुर स्कूल में दूध पीकर बीमार होने वाले बच्चे गुरुवार को अपने घरों में पहुंच गए। हालांकि कुल 75 बीमार बच्चों में से दो का इलाज अभी भी इलाहाबाद के चिल्ड्रेन अस्पताल में चल रहा है। जहां उनकी सेहत दुरुस्त बताई जा रही है। उधर, स्कूल खुलने पर गुरुवार को सन्नाटा ही नजर आया।
बीएसए बीएन ¨सह ने बताया कि इलाहाबाद में भर्ती दोनों बच्चे बेबी गौतम व अनुज गौतम अब स्वस्थ हैं। जल्द ही उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। शुक्रवार को स्कूल का ताला पौने ग्यारह बजे खुला तो लेकिन विद्यालय में बच्चे नहीं आए। स्थानीय पुलिस, शिक्षा विभाग और एलआइयू ने स्कूल में जांच पड़ताल की। गुरुवार को स्कूल पहुंचने वालों में निलंबित शिक्षक कमलेश कुमार पाल के अलावा बाल्मीकी सरोज, शिक्षिका अंजू यादव, शिक्षामित्र उमा त्रिपाठी मौजूद थी। हालांकि स्कूल के तीन रसोइया में एक भी रसोइया स्कूल नहीं पहुंचा। इसमें से एक रसोइया कांति भी बीमार हो गई थीं। स्कूल में हुए इस हादसे पर प्रधान पारसनाथ सरोज ने कहा कि यह काम स्कूल समिति का है। इसमें उनका कोई लेना देना नहीं है। विद्यालय के प्रभारी शिक्षक कमलेश पाल ने बताया कि दूध विद्यालय में 2015 से ही नारायणपुर कला से आने वाला दुधिया दे रहा है। बुधवार को दुधिया मंत्री यादव ने 13 लीटर दूध दिया था फिर यह घटना हुई। गड़बड़ी कहां से हुई उन्हें नहीं पता।