इलाहाबाद : आयोग से सीधी भर्ती के रिकॉर्ड भी किए तलब, सीधी भर्ती की सीबीआइ जांच होने से आयोग में मची खलबली
राज्य ब्यूरो इलाहाबाद : यूपीपीएससी से हुई चार प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा सीबीआइ ने सीधी भर्ती के रिकार्ड भी ले रही है। पांच साल के दौरान सीधी भर्ती से कौन-कौन परीक्षाएं हुईं, उनके लिए आयोग में समय-समय पर बने नियम, परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता, आरक्षण और चयनितों के सभी शैक्षिक व जाति के दावे संबंधित अभिलेख भी लिए जा रहे हैं।सीबीआइ की छह सदस्यीय टीम आयोग में डेरा डाले है। परीक्षा विभाग के कंप्यूटरों से डाटा तो लिए ही जा रहे हैं, अब सीधी भर्तियों की जांच के लिए तथ्य जुटाना भी शुरू कर दिया है। प्रतियोगियों की शिकायत है कि आयोग से होने वाली सीधी भर्ती में कोई पारदर्शिता नहीं रखी जाती, स्क्रीनिंग के आधार पर अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाने के नियम मनमाने होते हैं। यह भी आरोप है कि सीधी भर्ती के तहत पांच साल में 15-20 हजार नियुक्तियां की गई हैं जिनमें पूर्व अध्यक्ष डॉ. अनिल यादव के कार्यकाल में सबसे अधिक भ्रष्टाचार हुए। इन आरोपों की सत्यता जांचने के लिए सीबीआइ के जांच अधिकारियों ने अब भर्तियों के रिकार्ड आयोग से मांगे हैं। इनमें आवेदन से लेकर उनकी स्क्रीनिंग करने, साक्षात्कार के लिए अभ्यर्थियों को बुलावा भेजने व साक्षात्कार बोर्ड के गठन किसके आदेश पर हुए, यह भी ब्योरा तलब किया है। सीधी भर्ती की सीबीआइ जांच होने से आयोग में खलबली मची है।