इलाहाबाद : नशाखोरी की हवा के बीच यहां पर जल रही शिक्षा की लौ, कॉन्वेंट स्कूल को मात दे रहा प्राथमिक विद्यालय हरिरामपुर, प्राइमरी स्कूल में आरओ की भी सुविधा, लकदक दीवारें
इलाहाबाद । नशाखोरी के लिए बदनाम ग्राम पंचायत बहमलपुर के मजरे हरिरामपुर में एक शिक्षिका की जिद से पढ़ाई-लिखाई की प्रेरणा का सुखद झोंका आया है। जिद टूटी बाउंड्री, दरकती छत, फटी टाट पट्टी की छवि बदलने की। जिद थी नशे के कारोबार में लगे कुछ अभिभावकों के चंगुल में फंसे बचपन को मुक्त कर शिक्षा की मुख्य धारा में लाने की।
इलाहाबाद से करीब 10 किलोमीटर दूर सोरांव ब्लॉक के हरिरामपुर में स्थित प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका केशरा वर्मा के प्रयास से शिक्षा का यह मंदिर दूर तक महक रहा है। यहां कमरों में फर्श, डेस्क और बेंच, चमकती दीवारें, कमरों में पंखे लगे हुए हैं। मैदान में इंटरलाकिंग, विद्यालय में हरियाली का वास है। रनिंग वाटर टंकी व आरओ लगा हुआ है। छात्र-छात्रओं व शिक्षिकाओं के लिए अलग अलग साफ-सुथरे शौचालय हैं। लाइब्रेरी में चंपक और साबू की कहानियां भी हैं। खेलकूद से सारे साजो-सामान है। यह प्रधानाध्यापिका केशरा वर्मा की इच्छाशक्ति व ग्राम पंचायत के सहयोग से संभव हुआ है। इसमें बच्चों की संख्या 170 है, जिसमें करीब 50 फीसद छात्रएं हैं।
टीचिंग लर्निग मैटीरियल से पढ़ाई को बनाया रोचक : पढ़ाई को रोचक बनाने के लिए कक्षा में टीचिंग लर्निग मैटीरियल को छोटे छोटे गोल व चौकोर आकृति में तैयार कर टांगा गया है। इससे बच्चों की निगाह न चाहकर भी उन आकर्षक अक्षरों व संकेतकों पर पड़ती है। इससे बच्चे आसानी से सीखते हैं। बच्चे हंिदूी के साथ ही अंग्रेजी भाषा में सामान्य बोलचाल में पारंगत हैं।
कच्ची शराब के लिए बदनाम है गांव : बहमलपुर में तमाम घरों में कच्ची शराब बनती है। यहां लहन से शराब बनाने के अवैध कारोबार में अभिभावक अपने बच्चों को भी शरीक करते हैं। ऐसे में इस पूष्ठभूमि के बच्चों को शिक्षा से जोड़ना किसी चुनौती से कम नहीं था। इस चुनौती को प्रधानाध्यापिका ने स्वीकार किया और अंतत: उनकी मेहनत रंग लाई।ये हैं विद्यालय की अन्य शिल्पी
नीलम-सहायक अध्यापिका। 1शिक्षा-एमए, बीएड व विशिष्ट बीटीसी।1’अनीता कुमारी-सहायक अध्यापिका। 1शिक्षा-एमए व बीटीसी। 1’चित्र गुप्ता-सहायक अध्यापिका।
शिक्षा एमएससी, बीएड व विशिष्ट बीटीसी।सोरांव ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय हरिरामपुर में यह कक्षा एक है। दीवारों पर आकर्षक पेंटिंग, टीचिंग र्ल्िनग मैटीरियल टंगे हुए हैं। कक्षा में बच्चों के साथ प्रधानाध्यापिका केशरा वर्मा व अन्य शिक्षिकाएं।प्राथमिक विद्यालय हरिरामपुर में विद्यालय से बाहर निकलते बच्चे।प्राथमिक विद्यालय हरिरामपुर में लगा आरओ व हाथ धोने व पीने के पानी की टोटियां।
केशरा वर्मा, प्रधानअध्यापिका,
हमारा उद्देश्य बच्चे का संपूर्ण विकास
बच्चों को खेलने के लिए प्राथमिक विद्यालय में फुटबॉल, वालीवॉल, बैडमिंटन, क्रिकेट, चेस, कैरम आदि रखे गए हैं। पढ़ाई से ऊब जाने पर बच्चों को इनडोर व आउटडोर गेम भी खिलाए जाते हैं। योग और ध्यान भी कराया जाता है। हमने अपने बच्चों के खेल के सामान को लाकर बच्चों के लिए रख दिए। कुछ चीजें हमने खरीदीं भी। हमारा प्रयास बच्चों का सर्वागीण विकास है।
- केशरा वर्मा, प्रधानअध्यापिका, प्राथमिक विद्यालय हरिरामपुर।