अम्बेडकरनगर : कक्षा 10 व 12 में पढ़ाई जा रहीं एनसीईआरटी की पुस्तकें
अंबेडकरनगर। जिले के ज्यादातर इंटर कॉलेजों में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में एनसीईआरटी की पुस्तकों से शिक्षण कार्य किया जा रहा है। शासन के निर्देशानुसार शिक्षा सत्र 2018-19 में मात्र कक्षा 9 व 11 में ही एनसीईआरटी की पुस्तकों से शिक्षण कार्य कराया जाएगा। शासन के तमाम दिशा-निर्देश के बावजूद जिले के ज्यादातर कॉलेजों में कक्षा 10 व 12 में एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाई जा रही हैं। शिक्षा सत्र के लगभग एक माह बाद भी डीआईओएस कार्यालय की ओर से स्थिति साफ करने को लेकर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है। इसके चलते छात्र-छात्राओं व अभिभावकों के बीच असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद योगी सरकार ने शिक्षा सत्र 2018-19 में सुधार के लिए कक्षा एक से कक्षा 9 व 11 में एनसीईआरटी की पुस्तकों से पठन पाठन कराए जाने का निर्णय लिया था। समय पर पुस्तकों की उपलब्धता न होने पर बाद में निर्णय लिया गया कि शिक्षा सत्र 2018-19 में मात्र कक्षा 9 व 11 में ही एनसीईआरटी की पुस्तकों से पठन पाठन कराया जाएगा। कक्षा एक से कक्षा 8 की कक्षाओं में वर्ष 2019-20 से एनसीईआरटी की पुस्तकें लगाई जाएंगी। साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि कक्षा 10 व 12 में यूपी बोर्ड द्वारा पूर्व में निर्धारित पुस्तकें ही चलेंगी और उन्हीं पुस्तकों से ही बोर्ड की परीक्षा भी होगी। शिक्षा सत्र प्रारंभ हुआ तो शुरुआत में एनसीईआरटी पुस्तकें उपलब्ध होने में समस्या हुई, लेकिन मध्य अप्रैल के बाद लगभग सभी विषयों की पुस्तकें उपलब्ध हो गईं।
इस बीच जानकारी के अभाव या फिर किसी अन्य कारणवश जिले के ज्यादातर इंटर कॉलेजों में कक्षा 9 व 11 के साथ-साथ कक्षा 10 व 12 में भी एनसीईआरटी की पुस्तकें लगा दी गईं। कुछ विद्यालय प्रशासन ने कक्षा 10 व कक्षा 12 के छात्र-छात्राओं पर दबाव बनाकर एनसीईआरटी की पुस्तकें खरीदने पर मजबूर कर दिया। इससे उन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं व अभिभावकों में उहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गई, जहां पूर्व में यूपी बोर्ड द्वारा चयनित पुस्तकों द्वारा पठन पाठन का कार्य किया जा रहा है। उनका कहना है कि नए शिक्षा सत्र का लगभग एक माह बीतने को है, लेकिन अब तक यह नहीं साफ हो सका है कि कक्षा 10 व 12 में यूपी बोर्ड की ओर से चयनित पुस्तकें चलेंगी या फिर एनसीईआरटी की। स्थिति साफ न होने का प्रतिकूल प्रभाव छात्र-छात्राओं के भविष्य पर पड़ सकता है।
*अभिभावक बोले, डीआईओएस कार्यालय साफ करे स्थिति*
अकबरपुर के जितेंद्र कुमार ने कहा कि उसकी बेटी इस बार कक्षा 12 में विज्ञान वर्ग की छात्रा है। वह जिस विद्यालय में पढ़ रही है, वहां एनसीईआरटी पुस्तक से शिक्षण कार्य हो रहा है। कहा कि यदि यूपी बोर्ड द्वारा पूर्व में चयनित पुस्तकों से परीक्षा होगी, तो एनसीईआरटी पुस्तकों से पढ़ाए जाने का क्या औचित्य है। इससे तो छात्र-छात्राओं की परीक्षा तैयारी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। शहजादपुर के मोहम्मद अमीन ने कहा कि नए शिक्षा सत्र को शुरू हुए लगभग एक माह बीत चुका है। पुस्तकों को लेकर छात्र-छात्राओं व अभिभावकों में उहापोह की स्थिति है। इसे दूर करने को लेकर डीआईओएस कार्यालय द्वारा अब कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है। यदि शीघ्र ही इसे गंभीरता से नहीं लिया गया, तो इसका प्रतिकूल प्रभाव छात्र-छात्राओं की परीक्षा संबंधित तैयारियों पर पड़ेगा। जलालपुर के नितीश कुमार ने कहा कि उनकी पुत्री कक्षा 10 की छात्रा है। वह जिस विद्यालय में पढ़ रही है, वहां पुरानी पुस्तक से ही पढ़ाया जा रहा है, जबकि कुछ दूरी पर स्थित एक अन्य विद्यालय में कक्षा 10 में एनसीईआरटी की पुस्तक पढ़ाई जा रही है। इससे दोनों विद्यालय के छात्र-छात्राएं समझ नहीं पा रहे हैं कि कौन सी पुस्तक से पढ़ाई करना सही है।
*मात्र कक्षा 9 व 11 में ही चलेंगी एनसीईआरटी की पुस्तकें*
शासन के निर्देशानुसार शिक्षा सत्र 2018-19 में मात्र कक्षा 9 व 11 में ही एनसीईआरटी की पुस्तकों के माध्यम से पढ़ाई की जाएगी। कक्षा 10 व 12 में पूर्व में शासन द्वारा चयनित पुस्तकों से ही पढ़ाई होगी और उसी से परीक्षा भी होगी। छात्र-छात्राओं व अभिभावकों को किसी भी प्रकार से आशंकित होने की आवश्यकता नहीं है।
- विनोद कुमार सिंह, डीआईओएस