लखनऊ : 11 साल पहले पदों का समायोजन फिर भी बने हैं संविदा कर्मी
हिन्दुस्तान टीम, लखनऊ । आईसीडीएस (समेकित बाल विकास योजना-तृतीय) के लिपिक और मुख्य सेविका के संविदा कर्मियों की समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। 17 वर्ष पर पहले इनका समायोजन और नियमितीकरण होना था। केंद्र सरकार से मुहर लगने के राज्य सरकार ने पदों को समायोजित कर दिया, लेकिन कर्मचारियों को संविदा पर ही रहने दिया। पदों के समायोजन होने के बाद भी बचे हुए 235 कर्मचारी आज भी संविदा पर काम करने को मजबूर है। इससे कर्मचारी अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
इसी बात से नाराज होकर गुरुवार को समेकित बाल विकास योजना-तृतीया कर्मचारी एसोसिएशन उप्र के सैकड़ों संविदा कर्मियों ने गांधी प्रतिमा पर धरना दिया। इस मौके पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद महामंत्री आरके निगम ने बताया कि केंद्र सरकार ने संविदा कर्मियों के समायोजन और नियमितीकरण को लेकर अपना अनापत्ति प्रमाण पत्र 2006 में ही जारी कर दिया था, बावजूद इसके राज्य सरकार ने चुप्पी साध रखी है। अगर, सरकार ने मांग नहीं मानी तो संविदा कर्मचारियों के साथ नियमित कर्मचारी भी आंदोलन करेंगे।
प्रदर्शन में आरपी मिश्रा, अरविंद वर्मा, रमाकांत दोहरे, निरुपमा सिंह, ममता, सुषमा सिंह, नीतू सिंह एवं दुर्गावती के साथ सैकड़ों पुरुष व महिला कर्मचारी शामिल थे।