महराजगंज : डेस्क-बेंच पर पढ़ेंगे 125 उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे, विद्यालयों को भेज दी गई है धनराशि, वित्त एवं लेखाधिकारी, आदेश भी देखें ।
महराजगंज: जिले के 125 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के लिए अच्छी खबर है। बेसिक शिक्षा विभाग ने उक्त सभी विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को डेस्क-बेंच की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पहल प्रारंभ करते हुए संबंधित विद्यालयों के विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में कुल 1करोड़ 95 लाख 12 हजार 500 की धनराशि जारी की गई है। प्रत्येक विद्यालय को 156100 रुपये स्थानांतरित हुई है। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जिले में कुल 649 उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित किया जाता है। इसमें से बहुत से ऐसे विद्यालय हैं जिसमें डेस्क-बेंच नहीं है। ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे सुगमता पूर्वक शिक्षा प्राप्त करें इसके लिए शासन ने डेस्क बेंच खरीदने के लिए धनराशि मुहैया कराई है। उपलब्ध धन के मुताबिक बेसिक शिक्षा विभाग ने दो चरणों में जिले के निचलौल ब्लाक के 27 विद्यालयों, सदर ब्लाक के 21 विद्यालयों में, नौतनवा ब्लाक के 19 विद्यालयों में, परतावल ब्लाक के 18 विद्यालयों में, घुघली ब्लाक के 16 विद्यालयों में, फरेंदा ब्लाक के नौ विद्यालयों में, पनियरा ब्लाक के छह विद्यालयों में, सिसवा ब्लाक के पांच विद्यालयों में तथा धानी ब्लाक के चार विद्यालयों का नाम चयनित करते हुए निर्धारित धनराशि को विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में स्थानांतरित कर दिया है। स्कूलों में डेस्क-बेंच के पहुंच जाने से बच्चों को बैठकर शिक्षा ग्रहण करने में आसानी होगी।
तीन ब्लाक के एक भी विद्यालयों को नहीं मिला लाभ
बेसिक शिक्षा विभाग ने डेस्क-बेंच के लिए जिन 125 विद्यालयों को चुना हैं उसमें तीन ब्लाक(लक्ष्मीपुर, बृजमनगंज व मिठौरा)का एक भी विद्यालय शामिल नहीं है। इससे यह स्पष्ट है कि या तो इन तीनों ब्लाक में सभी उच्च प्राथमिक विद्यालयों में डेस्क-बेंच है या फिर स्कूलों के चयन में दोहरा मापदंड अपनाया गया है। स्थिति चाहे जो भी हो मगर प्रभावित तो बच्चे ही होंगे।
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विद्यालयों को भेज दी गई है धनराशि: वित्त एवं लेखाधिकारी
बेसिक शिक्षा विभाग के वित्त एवं लेखाधिकारी बृजलाल ने कहा कि डेस्क-बेंच के क्रय किए जाने से संबंधित व निर्धारित धनराशि को विद्यालय प्रबंध समिति के खाते में भेज दिया गया है।ई-टेंड¨रग के माध्यम से होने वाले डेस्क-बेंच के क्रय किए जाने के बाद उसका भुगतान संबंधित विद्यालयों के जिम्मेदारों द्वारा किया जाएगा।