लखनऊ : टीजीटी-पीजीटी 2016 की जल्द घोषित होगी तारीख, सदस्यों की कमेटी गठित, चयनितों को कार्यभार ग्रहण करने में नहीं होगी परेशानी
72825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया समाप्त
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : शासन ने परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72,825 शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया को खत्म करने का फैसला किया है। बेसिक शिक्षा विभाग ने इस बारे में मंगलवार को शासनादेश जारी कर दिया है। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत 66,655 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है जबकि 6170 पद खाली रह गए हैं। यह रिक्त पद आरक्षित श्रेणी के हैं। 1शासन ने यह फैसला इसलिए किया है क्योंकि यह भर्ती बीएड और टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए की गई थी। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 72825 शिक्षकों की भर्ती के लिए 30 नवंबर, 2011 को विज्ञापन प्रकाशित किया गया था।
शासन का तर्क है कि राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने बीएड योग्यताधारी अभ्यर्थियों को एक जनवरी 2012 तक नियुक्त करने की समयसीमा तय की थी जिसे बाद में 31 मार्च 2014 तक बढ़ाया गया था। यह समयसीमा बीत चुकी है। फिलहाल बीएड की योग्यता परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए मान्य नहीं है। इसके अलावा इस भर्ती के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) वर्ष 2011 में आयोजित की गई थी। टीईटी प्रमाणपत्र की वैधता अवधि पांच साल होती है। यह अवधि भी बीत चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि शासन चाहे तो नया विज्ञापन निकाल कर रिक्त पदों पर नियमानुसार नियुक्ति कर सकता है। इस बीच शासन ने शिक्षकों की नियुक्ति के लिए लागू नियमावली में संशोधन कर दिया। प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा अनिवार्य कर दी गई। रिक्त पदों पर भर्ती के लिए नियमावली में फिर से संशोधन करना होगा। इसलिए शासन ने बचे हुए पदों पर भर्ती का औचित्य न पाते हुए 72,825 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पर पर्दा गिराने का फैसला किया है।
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र टीजीटी-पीजीटी 2016 की लिखित परीक्षा की तारीख का एलान जल्द ही करेगा। यह घोषणा बोर्ड की एक मई को प्रस्तावित बैठक में भी हो सकती है। इस परीक्षा को कराने में देरी का कारण प्रतियोगी ही हैं। चयन बोर्ड की मंशा है कि अशासकीय कालेजों में किसी भी चयनित अभ्यर्थी को कार्यभार ग्रहण करने में परेशानी न हो। इसलिए पद पहले ही तय हो जाएं। सत्यापन कार्य जिला विद्यालय निरीक्षकों के भरोसे नहीं छोड़ा जाएगा, बल्कि सदस्यों की एक कमेटी लगातार उसकी निगरानी करेगी और जल्द रिपोर्ट हर जिले से मांगी जाएगी।
चयन बोर्ड की पहली बैठक में 2016 की लिखित परीक्षा का एलान न होने की सबसे बड़ी वजह पुराने परीक्षा परिणाम ही हैं। 2013 टीजीटी-पीजीटी का जो विज्ञापन जारी हुआ, उसके सापेक्ष कम पदों पर अभ्यर्थी चयनित किए गए क्योंकि विज्ञापन व चयन के बीच के अंतराल में तमाम पद पदोन्नति, स्थानांतरण व अन्य माध्यम से भर गए। कम चयन होने के बाद भी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने यह शिकायतें की हैं कि उन्हें संबंधित कालेज में ज्वाइन नहीं कराया गया। सूत्रों की मानें तो 2011 के चयन में भी यही समस्या फिर खड़ी होने वाली है। ऐसे में चयन बोर्ड की नई टीम ने पुराने कड़वे अनुभवों को न दोहराने की रणनीति बनाई है। बैठक में तय हुआ कि 2016 के विज्ञापन में घोषित पदों का नए सिरे से सत्यापन करा लिया जाए, ताकि इस चयन के अभ्यर्थियों को परेशानी न हो। सत्यापन कार्य के लिए हर जिला विद्यालय निरीक्षक को पांच से दस दिन का ही अवसर दिया जाएगा, ताकि इस प्रक्रिया में ज्यादा समय न लगे। साथ ही डीआइओएस जो रिपोर्ट भेजेंगे उसके प्रति वह जवाबदेह होंगे। सदस्यों की कमेटी गठित हो गई है वह पदों के सत्यापन की निगरानी करेगी।
यह भी संकेत हैं कि चयन बोर्ड जल्द ही परीक्षा की संभावित तारीख का एलान कर देगा, ताकि उसी को ध्यान में रखकर परीक्षा केंद्र आदि का चयन तेजी से शुरू हो। यह तारीख अगली बैठक में ही घोषित हो सकती है। तैयारी है कि लिखित परीक्षा कराकर इसी वर्ष उसका परिणाम भी घोषित हो जाए। भले ही साक्षात्कार नए साल की शुरुआत में हों। इसी बीच नए विज्ञापन के आधार पर 2018 का विज्ञापन व परीक्षा कैलेंडर भी जारी होगा।
🔴 66,655 पदों पर हुई नियुक्ति, 6170 पद खाली
🌕 बेसिक शिक्षा विभाग ने जारी किया शासनादेश