इलाहाबाद : पीसीएस प्री 2017 के परिणाम में कटऑफ कम करने की मांग
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : पीसीएस (प्रारंभिक) परीक्षा 2017 के परिणाम में बदलाव करने पर उप्र लोकसेवा आयोग अभी कोई निर्णय नहीं ले सका है। इससे नाराज अभ्यर्थी बुधवार को सचिव से मिलने पहुंचे। सचिव ने कहा कि परीक्षा समिति को इस पर कोई निर्णय लेना है, फिलहाल समिति की अभी बैठक नहीं हो सकी है। वहीं अभ्यर्थियों ने उन्हें कुछ सुझाव दिए। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 मार्च को एक अहम फैसले में कहा था कि पीसीएस 2017 की प्रारंभिक परीक्षा में एक प्रश्न को रद कर और दो के उत्तर में बदलाव कर संशोधित परिणाम जारी किया जाए। इसके बाद से आयोग ने 11 अप्रैल तक कोई निर्णय नहीं लिया। चर्चा है कि आयोग इस फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर सकता है। वहीं आयोग से हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में हो रही देरी से नाराज अभ्यर्थी धनंजय सिंह, विनय सिंह, प्रशांत पांडेय, केके सिंह आदि सचिव जगदीश से मिलने पहुंच गए। प्रतिनिधि मंडल ने सचिव के सामने कई सुझाव प्रस्तुत किए। जिसमें कहा गया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2017 के अनंतिम कटऑफ को दो-तीन अंक कम कर दिया जाए। इससे मुख्य परीक्षा के लिए उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थियों को भी संशोधित परिणाम में बाहर होने से बचाया जा सकता है। यदि ऐसा नहीं करते हैं तो संशोधित परिणाम में जो अभ्यर्थी बाहर होंगे वो भी कोर्ट जा सकते हैं। ऐसे में परीक्षा अनावश्यक रूप से विवादित होगी। अभ्यर्थियों ने यह फामरूला सचिव को बताते समय बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग में ऐसे ही कदम उठाए जाने की जानकारी दी। सचिव जगदीश ने कहा कि परीक्षा समिति की बैठक में उनके सुझाव प्रमुखता से रखे जाएंगे। हाईकोर्ट के फैसले पर कोई निर्णय परीक्षा समिति को लेना है। यह उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर है। उन्होंने अभ्यर्थियों से कहा कि जल्द ही आयोग कोई सकारात्मक निर्णय लेगा।
*पीसीएस 2018 की अधिसूचना तैयार*
अभ्यर्थियों ने पीसीएस 2018 की प्रक्रिया भी शुरू होने की जानकारी मांगी। इस पर सचिव जगदीश ने बताया कि इसकी अधिसूचना तैयार है। केवल एसडीएम के पदों का शासन से अधियाचन अभी नहीं आ सका है। इसके अलावा यूपीएससी के पैटर्न पर तैयार किए गए पाठ्यक्रम पर कार्मिक मंत्रलय से मंजूरी का भी इंतजार है।