गोण्डा : आखिर किसे बांट दिए 42 लाख के छात्र प्रोफाइल, अंकपत्र के साथ अभिभावकों को देना था छात्र प्रोफाइल
अजय पांडेय’गोंडा । परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों का सतत एवं व्यापक मूल्यांकन होना था, जिससे छात्रवार प्रोफाइल मुद्रित कराकर अभिभावकों को उपलब्ध कराया जाना था। इसके लिए शासन ने 42 लाख 94 हजार रुपये आवंटित किए थे। मार्च में रुपये का आहरण किया जा चुका है लेकिन अभिभावकों को छात्रों की प्रोफाइल नहीं मिली है। जबकि अंकपत्र वितरित किया जा चुका है।
बेसिक शिक्षा विभाग जिले में 2232 प्राइमरी व 893 जूनियर स्कूल संचालित करा रहा है, जिनमें शिक्षा 2017-18 में कक्षा एक से आठ तक 3.29 लाख छात्रों नामांकित थे। अभिभावकों को उनके बच्चे की शैक्षिक प्रगति से अवगत कराने की योजना बनाई थी। छात्रों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करके उसे अंकपत्र के साथ वितरित करना था। इसके लिए जिले को 42 लाख 94 हजार 771 रुपये आवंटित किए गए थे, जिसमें प्रतिछात्र सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रगति पत्र के लिए 2.50 रुपये, छात्र प्रोफाइल के लिए 10 रुपये व गाइड लाइंस के लिए पांच रुपये की दर से बजट का आवंटन हुआ था। जिसे फर्म के माध्यम से निकाल लिया गया। वहीं अभिभावक सत्र समाप्त होने के बाद भी बेटों की शैक्षिक प्रगति से अनजान हैं। एक शिक्षक ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि प्रगति पत्र बांटने का आदेश आता है। कार्यालय स्तर पर रुपये भी आता है लेकिन बांटने के लिए स्कूलों को दिया नहीं जाता है।
अभिभावक के बोल : अभिभावक सतीश चंद्र मिश्र ने बताया कि उनकी बेटी कक्षा एक में पढ़ती है। अंकपत्र तो मिल गया लेकिन प्रगति पत्र जैसा कुछ नहीं मिला। शिवबहादुर यादव ने बताया कि बेटा दूसरी कक्षा में पढ़ता है। अभी कुछ नहीं जानता है। कोई ऐसा पत्र मिलता तो हम भी मूल्यांकन करते लेकिन अंकपत्र के अलावा कुछ मिला है। राम अचल पांडेय कहते हैं कि अंकपत्र के अलावा कुछ नहीं दिया जाता है। दो तीन वर्षों में कुछ नहीं मिला।1इनकी सुनिए1सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक डॉ. रमेश चंद्र चौबे का कहना है कि समय से छात्र प्रोफाइल नहीं छप सका इसलिए वितरण नहीं कराया जा सका।अजय पांडेय’गोंडा1परिषदीय स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों का सतत एवं व्यापक मूल्यांकन होना था, जिससे छात्रवार प्रोफाइल मुद्रित कराकर अभिभावकों को उपलब्ध कराया जाना था। इसके लिए शासन ने 42 लाख 94 हजार रुपये आवंटित किए थे। मार्च में रुपये का आहरण किया जा चुका है लेकिन अभिभावकों को छात्रों की प्रोफाइल नहीं मिली है। जबकि अंकपत्र वितरित किया जा चुका है।1बेसिक शिक्षा विभाग जिले में 2232 प्राइमरी व 893 जूनियर स्कूल संचालित करा रहा है, जिनमें शिक्षा 2017-18 में कक्षा एक से आठ तक 3.29 लाख छात्रों नामांकित थे। अभिभावकों को उनके बच्चे की शैक्षिक प्रगति से अवगत कराने की योजना बनाई थी। छात्रों का रिपोर्ट कार्ड तैयार करके उसे अंकपत्र के साथ वितरित करना था। इसके लिए जिले को 42 लाख 94 हजार 771 रुपये आवंटित किए गए थे, जिसमें प्रतिछात्र सतत एवं व्यापक मूल्यांकन प्रगति पत्र के लिए 2.50 रुपये, छात्र प्रोफाइल के लिए 10 रुपये व गाइड लाइंस के लिए पांच रुपये की दर से बजट का आवंटन हुआ था। जिसे फर्म के माध्यम से निकाल लिया गया। वहीं अभिभावक सत्र समाप्त होने के बाद भी बेटों की शैक्षिक प्रगति से अनजान हैं। एक शिक्षक ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि प्रगति पत्र बांटने का आदेश आता है। कार्यालय स्तर पर रुपये भी आता है लेकिन बांटने के लिए स्कूलों को दिया नहीं जाता है।1अभिभावक के बोल1अभिभावक सतीश चंद्र मिश्र ने बताया कि उनकी बेटी कक्षा एक में पढ़ती है। अंकपत्र तो मिल गया लेकिन प्रगति पत्र जैसा कुछ नहीं मिला। शिवबहादुर यादव ने बताया कि बेटा दूसरी कक्षा में पढ़ता है। अभी कुछ नहीं जानता है। कोई ऐसा पत्र मिलता तो हम भी मूल्यांकन करते लेकिन अंकपत्र के अलावा कुछ मिला है। राम अचल पांडेय कहते हैं कि अंकपत्र के अलावा कुछ नहीं दिया जाता है। दो तीन वर्षों में कुछ नहीं मिला।1इनकी सुनिए1सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक डॉ. रमेश चंद्र चौबे का कहना है कि समय से छात्र प्रोफाइल नहीं छप सका इसलिए वितरण नहीं कराया जा सका।प्रगति पत्र को लेकर वित्त एवं लेखाधिकारी से बात की जाएगी। क्या दिक्कत है इस बावत जानकारी किया जा रहा है। जल्द ही वितरण करा दिया जाएगा।1संतोष कुमार देव पांडेय, बीएसए