इलाहाबाद : बोर्ड के मूल रिकार्ड बदलने वाले बाबुओं पर होगी एफआईआर
हिन्दुस्तान टीम, इलाहाबाद । यूपी बोर्ड के मूल रिकार्ड बदलने वाले बाबुओं के खिलाफ एफआईआर होगी। दो साल पहले राजकीय इंटर कॉलेज में फर्जी दस्तावेज के सहारे एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती में नौकरी हथियाने के लिए की गई धांधली पर बोर्ड ने सख्त रुख अख्तियार किया है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक और बोर्ड के पदेन सभापति डॉ. अवध नरेश शर्मा ने विधिक कार्रवाई की अनुमति भी दे दी है। सालभर से अधिक समय तक चली जांच में चार-पांच बाबुओं की मिलीभगत का खुलासा हुआ है। जल्द ही आरोपित बाबुओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
राजकीय विद्यालयों की 6645 एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती के लिए यूपी बोर्ड के इलाहाबाद क्षेत्रीय कार्यालय के बाबुओं ने कुछ अभ्यथियों को अनुचित लाभ दिलाने के मकसद से फर्जीवाड़ा किया था। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने 13 अक्तूबर 2016 के अंक में इसका खुलासा किया था।
तत्कालीन बोर्ड सचिव शैल यादव ने संयुक्त शिक्षा निदेशक महेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में समिति गठित कर जांच करवाई थी। सूत्रों की मानें तो गड़बड़ी करने वाले बाबुओं की ऊंची पहुंच के कारण लंबे समय से टालमटोल होता रहा। पिछले साल सचिव का पद संभालने वाली नीना श्रीवास्तव ने साफ कर दिया था कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। लेकिन उससे पहले पूरे प्रकरण की गहनता से पड़ताल कराई गई। पूरी तरह से आश्वस्त होने के बाद अब बोर्ड के अफसर कार्रवाई करने जा रहे हैं।
बाबुओं की करतूत से दांव पर बोर्ड की साख
इलाहाबाद। बाबुओं की करतूत ने यूपी बोर्ड की साख दांव पर लगा दी है। अभिलेख अनुभाग के बाबुओं ने टैबुलेशन रिकार्ड या टीआर (बोर्ड के पास सुरक्षित 10वीं-12वीं के मूल दस्तावेज) और स्कूलों से सांठगांठ कर स्कूलों में रखे मूल रिकार्ड को बदल दिया। शिक्षक भर्ती के आवेदकों को 10वीं और 12वीं में मनमाना नंबर दे दिया ताकि शैक्षणिक मेरिट पर हो रही राजकीय स्कूलों में एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती में चयन हो सके।
बर्खास्त किये गये थे सात फर्जी शिक्षक
इलाहाबाद। मामले का खुलासा होने के बाद हुई जांच की रिपोर्ट के अनुसार हाईस्कूल 1999 के तीन टीआर और इंटर 2001 के तीन टीआर में पांच स्कूलों के रिकार्ड बोर्ड के बाबुओं ने बदले थे। इसमें हाईस्कूल के 73 व इंटर के 76 छात्र के नंबर बदलकर उन्हें लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई। इनमें से पांच छात्र ऐसे थे जिनका चयन फर्जी दस्तावेज के आधार पर एलटी ग्रेड भर्ती में हो गया था। हालांकि हिन्दुस्तान में समाचार प्रकाशित होने के बाद फर्जीवाड़ा करके इलाहाबाद मंडल में नौकरी हथियाने वाले सात शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया था।