गोण्डा : शिक्षा मंदिरों तक कब पहुंचेगी स्वच्छता की अलख
संवादसूत्र, बेलसर (गोंडा) : सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन की सच्चाई देखना है तो शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में जाइए। जहां शौचालय तो बने हुए हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही है। कहीं जंगली झाड़ियां उगी हुईं हैं तो कहीं गंदगी के कारण वह निष्प्रयोज्य पड़े हैं। कुल मिलाकर परिषदीय स्कूलों में बनाए गए शौचालयों का लाभ छात्र-छात्रओं के साथ शिक्षकों को नहीं मिल पा रहा है। सफाई कर्मियों के विद्यालय में न जाने के कारण गंदगी नजर आ रही है। सोमवार को जागरण टीम ने स्कूलों का जायजा लिया तो शौचालयों की स्थिति बेहद खराब मिली। प्रस्तुत है रिपोर्ट -1दृश्य-एक - उच्च प्राथमिक विद्यालय चिरेबसना में शौचालय बना हुआ है लेकिन सीट पर गंदगी की भरमार है। शौचालय झाड़ी से घिरा हुआ है। इससे ये छात्र-छात्रओं के उपयोग में नहीं आ रहा है। यहां कुल 122 छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं।1दृश्य-दो - प्राथमिक विद्यालय चिरेबसना में गंदगी से शौचालय पटा हुआ है। यहां कुल 151 छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं। सभी खुले में शौच जाने को विवश हैं।1केसदृश्य-तीन - प्राथमिक विद्यालय लौव्वाटेपरा गोंडा-बेलसर के किनारे संचालित है। शौचालय की सीट अलग पड़ी है। गंदगी की भरमार है। यहां 136 छात्र-छात्रएं अध्ययनरत हैं मजबूरी में सभी को खुले में शौच जाना पड़ रहा है। 1केस-चार - पूर्व माध्यमिक विद्यालय लौवाटेपरा में शौचालय के दरवाजे में बीच का पटरा गायब है। शौच जाने वाले छात्र-छात्रओं को बाहर से दिखाई देता है। इसके बाद भी दरवाजे में ताला जड़ा रहता है। शौचालय में पड़ी गंदगी बाहर से ही नजर आ रही है।1केस-पांच - प्राथमिक विद्यालय चांदपुर में शौचालय बना है लेकिन वह भी कूड़े करकट से पटा है। देखने से लगता है कि यह काफी समय से प्रयोग में नहीं आया। यहां पर 111 छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं। सभी बच्चे खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हैं।संवादसूत्र, बेलसर (गोंडा) : सरकार द्वारा चलाए जा रहे स्वच्छ भारत मिशन की सच्चाई देखना है तो शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में जाइए। जहां शौचालय तो बने हुए हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही है। कहीं जंगली झाड़ियां उगी हुईं हैं तो कहीं गंदगी के कारण वह निष्प्रयोज्य पड़े हैं। कुल मिलाकर परिषदीय स्कूलों में बनाए गए शौचालयों का लाभ छात्र-छात्रओं के साथ शिक्षकों को नहीं मिल पा रहा है। सफाई कर्मियों के विद्यालय में न जाने के कारण गंदगी नजर आ रही है। सोमवार को जागरण टीम ने स्कूलों का जायजा लिया तो शौचालयों की स्थिति बेहद खराब मिली। प्रस्तुत है रिपोर्ट -1दृश्य-एक - उच्च प्राथमिक विद्यालय चिरेबसना में शौचालय बना हुआ है लेकिन सीट पर गंदगी की भरमार है। शौचालय झाड़ी से घिरा हुआ है। इससे ये छात्र-छात्रओं के उपयोग में नहीं आ रहा है। यहां कुल 122 छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं।1दृश्य-दो - प्राथमिक विद्यालय चिरेबसना में गंदगी से शौचालय पटा हुआ है। यहां कुल 151 छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं। सभी खुले में शौच जाने को विवश हैं।1केसदृश्य-तीन - प्राथमिक विद्यालय लौव्वाटेपरा गोंडा-बेलसर के किनारे संचालित है। शौचालय की सीट अलग पड़ी है। गंदगी की भरमार है। यहां 136 छात्र-छात्रएं अध्ययनरत हैं मजबूरी में सभी को खुले में शौच जाना पड़ रहा है। 1केस-चार - पूर्व माध्यमिक विद्यालय लौवाटेपरा में शौचालय के दरवाजे में बीच का पटरा गायब है। शौच जाने वाले छात्र-छात्रओं को बाहर से दिखाई देता है। इसके बाद भी दरवाजे में ताला जड़ा रहता है। शौचालय में पड़ी गंदगी बाहर से ही नजर आ रही है।1केस-पांच - प्राथमिक विद्यालय चांदपुर में शौचालय बना है लेकिन वह भी कूड़े करकट से पटा है। देखने से लगता है कि यह काफी समय से प्रयोग में नहीं आया। यहां पर 111 छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं। सभी बच्चे खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर हैं।पूर्व माध्यमिक विद्यालय लौवाटेपरा में टूटा शौचालय का दरवाजा