चन्दौली : बिजली की गणित ने बिगाड़ा शिक्षा का हिसाब, सरकारी तंत्र नौनिहालों को नामांकन के लिए रोज स्कूल चलो रैली निकाल रहा
जासं, शहाबगंज (चंदौली): एक तरफ शिक्षा का सरकारी तंत्र नौनिहालों को नामांकन के लिए रोज स्कूल चलो रैली निकाल रहा है, वहीं दूसरी ओर सरकार का ही बिजली विभाग इसको पलीता लगाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रहा।
जी हां, बात हो रही है पूर्व माध्यमिक विद्यालय अमांव की । यहां विद्युत आपूर्ति पिछले एक वर्ष से ठप पड़ी हुई है। भीषण गर्मी व उमस में बच्चे सरस्वती की साधना कर रहे हैं और बिजली विभाग है कि उनपर तनिक तरस भी नहीं खा रहा। बिजली विभाग ने विद्यालय में विद्युत आपूर्ति के लिए एक अदद ट्रांसफार्मर तो लगा दिया लेकिन पिछली फरवरी में ही उसके जलने के बाद से आजतक सुधि लेने की जहमत तक नहीं उठाई। विद्यालय भवन में लगे पंखे व बल्ब आदि विद्युतीय उपकरण महज शोपीस बनकर रह गए हैं।
शासन ने परिषदीय विद्यालयों में विद्युत आपूर्ति का व्यवस्था किए जाने का निर्देश दिया था। इसके तहत परिषदीय विद्यालयों में विद्युत कनेक्शन दिया गया। अमांव के मिडिल स्कूल के तीन कक्षों व कार्यालय में वॉय¨रग आदि कराकर सि¨लग फैन भी लगाया गया था। जहां पंखे के हवा में शिक्षा-दीक्षा का कार्य चल रहा था।.. लेकिन विद्यालय की विद्युत आपूर्ति के लिए लगा ट्रांसफार्मर गत वर्ष जल गया। जले ट्रांसफार्मर को बदलने के लिए यहां के अध्यापकों व अभिभावकों ने कई बार विद्युत अभियंताओं व शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों के यहां गुहार लगाई फिर भी ट्रांसफार्मर नहीं बदला जा सका। अभिभावकों का मानना है कि विद्युत विभाग तो नौनिहालों की इस व्यथा के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार है ही लेकिन शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारी भी इसके लिए कम दोषी नहीं हैं। यदि शिक्षा विभाग अपनी समस्या जिला स्तर के उचित फोरम पर उठाया रहता तो आज यह समस्या पेश नहीं आती।