लखनऊ : सात से आठ फीसद ही होगी फीस में बढ़ोतरी, उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा, सरकार जल्द लाएगी अध्यादेश
राब्यू, लखनऊ : कैबिनेट बैठक के बाद सरकार द्वारा निजी स्कूलों की सालाना फीस वृद्धि पर अंकुश लगाने की फैसले की जानकारी उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने दी। कहा कि प्रस्तावित व्यवस्था के तहत निजी स्कूलों की फीस में सालाना सात से आठ प्रतिशत से ज्यादा वृद्धि नहीं होगी। उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही यह अध्यादेश लाएगी। इसके दायरे में यूपी बोर्ड, सीबीएसई, आइसीएसई व अन्य बोर्ड से मान्यताप्राप्त/संबद्ध स्कूल सहित वे विद्यालय भी आएंगे जिन्हें ‘अल्पसंख्यक’ दर्जा हासिल है।
किताबें, जूते-मोजे खरीदने के लिए बाध्य नहीं अभिभावक: डॉ.दिनेश शर्मा ने बताया कि निजी स्कूल अभिभावकों को किसी दुकान विशेष से किताब-कापियां, यूनीफॉर्म, जूते-मोजे व स्टेशनरी खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे।
पांच साल से पहले नहीं बदलेगी यूनीफॉर्म : अभिभावकों को शोषण से बचाने के लिए अध्यादेश के ड्राफ्ट में यह भी व्यवस्था की गई है कि निजी स्कूल पांच साल से पहले विद्यार्थियों की यूनीफॉर्म नहीं बदल सकेंगे। यदि निजी स्कूल पांच साल से पहले ऐसा करते हैं तो उन्हें मंडलायुक्त की अध्यक्षता में गठित मंडलीय शुल्क नियामक समिति से मंजूरी लेनी होगी।
इसी सत्र से लागू होगी व्यवस्था : उप मुख्यमंत्री के साथ मौजूद अपर मुख्य सचिव माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा संजय अग्रवाल ने बताया कि फीस वृद्धि का यह फॉमरूला शैक्षिक सत्र 2018-19 से लागू होगा।
अतिरिक्त फीस वापस करने का प्रावधान : अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा से पूछा गया कि शैक्षिक सत्र 2018-19 तो चालू हो गया है और अभिभावक बच्चों की फीस भी जमा कर चुके हैं या कर रहे हैं। अभिभावकों से नये सत्र के लिए वसूली गई फीस यदि तय फामरूले के तहत वर्ष 2018-19 के लिए निर्धारित फीस से अधिक होती है, तो क्या उसे वापस किया जाएगा? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रस्तावित अध्यादेश में वसूली गई अतिरिक्त फीस वापस करने का प्रावधान है।
प्रवेश शुल्क स्कूल में दाखिले के समय : छात्रों से वसूली जाने वाली फीस को दो वर्गो में बांटा गया है-संभावित और वैकल्पिक शुल्क संघटक। संभावित शुल्क संघटक के तहत विवरण पुस्तिका व पंजीकरण शुल्क, प्रवेश शुल्क, परीक्षा शुल्क और संयुक्त वार्षिक ट्यूशन फीस शामिल होगी। स्कूल छात्रों से विवरण पुस्तिका और पंजीकरण शुल्क सिर्फ प्रवेश के समय ले सकेंगे। प्रवेश शुल्क स्कूल में दाखिले के समय सिर्फ एक बार लिया जाएगा।
साल भर की फीस नहीं ले सकेंगे : नई व्यवस्था के तहत निजी स्कूल साल भर की फीस एक साथ नहीं ले सकेंगे। वे त्रैमासिक या अर्धवार्षिक आधार पर फीस ले सकेंगे।
इसके अलावा प्रदेश के नौ एग्रोक्लाइमेटिक जोन के एक-एक जिले यानि नौ जिलों में समन्वित कृषि प्रणाली विकसित करने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट ने मुहर लगा दी।