सीतापुर : स्कूल में बच्चों को एक घंटे तेज धूप में खड़ा किया, फीस न जमा होने पर क्लास टीचर ने बच्चों को दिया दंड
संवादसूत्र, सीतापुर : शहर के एक निजी स्कूल में प्रधानाचार्य के कहने पर क्लास टीचर ने तुगलकी फरमान सुना दिया। फीस न जमा होने पर भाई-बहन को एक घंटे तक तेज धूप में खड़ा रखा। यह अमानवीय प्रकरण बुधवार को न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के पास पहुंचा। बच्चों ने समिति के समक्ष बयान दिया कि उनके साथ ही छह-सात अन्य बच्चों को भी फीस जमा न होने पर धूप में खड़ा रखा गया। समिति स्कूल प्रबंधन को नोटिस देकर जांच करेगी। जांच में आरोप पुष्ट होने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। 1अधिवक्ता हिमांशु कुमार तिवारी का बेटा अविरल एक निजी स्कूल में कक्षा छह व बेटी शितांशी कक्षा दो में पढ़ती है। अप्रैल माह की फीस न जमा होने के कारण दोनों भाई-बहन को 20 अप्रैल को एक घंटे तक तेज धूप में खड़े होने की सजा सुनाई गई। बुधवार को अधिवक्ता बच्चों को लेकर न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के सदस्य के पास पहुंचे। समिति के सदस्य अशोक कुमार अवस्थी ने बताया कि बच्चों ने बयान दिया है कि उनके साथ ही छह-सात अन्य बच्चों को भी प्रधानाचार्य के कहने पर क्लास टीचर ने यह दंड दिया था। किशोर न्याय अधिनियम 2015 में नियम हैं कि बच्चों को किसी प्रकार का दंड नहीं दिया जाना चाहिए, बावजूद इसके निजी स्कूल में बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। डीआइओएस देवकी सिंह ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है लेकिन मामला गंभीर है। जांच में दोष सिद्ध होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।संवादसूत्र, सीतापुर : शहर के एक निजी स्कूल में प्रधानाचार्य के कहने पर क्लास टीचर ने तुगलकी फरमान सुना दिया। फीस न जमा होने पर भाई-बहन को एक घंटे तक तेज धूप में खड़ा रखा। यह अमानवीय प्रकरण बुधवार को न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के पास पहुंचा। बच्चों ने समिति के समक्ष बयान दिया कि उनके साथ ही छह-सात अन्य बच्चों को भी फीस जमा न होने पर धूप में खड़ा रखा गया। समिति स्कूल प्रबंधन को नोटिस देकर जांच करेगी। जांच में आरोप पुष्ट होने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। 1अधिवक्ता हिमांशु कुमार तिवारी का बेटा अविरल एक निजी स्कूल में कक्षा छह व बेटी शितांशी कक्षा दो में पढ़ती है। अप्रैल माह की फीस न जमा होने के कारण दोनों भाई-बहन को 20 अप्रैल को एक घंटे तक तेज धूप में खड़े होने की सजा सुनाई गई। बुधवार को अधिवक्ता बच्चों को लेकर न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के सदस्य के पास पहुंचे। समिति के सदस्य अशोक कुमार अवस्थी ने बताया कि बच्चों ने बयान दिया है कि उनके साथ ही छह-सात अन्य बच्चों को भी प्रधानाचार्य के कहने पर क्लास टीचर ने यह दंड दिया था। किशोर न्याय अधिनियम 2015 में नियम हैं कि बच्चों को किसी प्रकार का दंड नहीं दिया जाना चाहिए, बावजूद इसके निजी स्कूल में बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। डीआइओएस देवकी सिंह ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में नहीं आया है लेकिन मामला गंभीर है। जांच में दोष सिद्ध होने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।न्याय पीठ बाल कल्याण समिति के सदस्य के सामने पेश हए बच्चे व उनके पिता ’ जागरण