फिरोजाबाद : नगाड़े के साथ जागरण ने शुरू की स्कूल चलो की मुहिम
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: हर बच्चा पढ़े, हर बच्चा बढ़े। इस संकल्प को लेकर दैनिक जागरण के स्कूल चलो अभियान की शुरुआत सोमवार को ढोल नगाड़ों के साथ हुई। एसडीएम सदर के नेतृत्व में नगला गोला के प्राथमिक विद्यालय के बच्चों की रैली पूरे गांव में घूमी। ग्रामीणों को प्रेरित किया गया कि जिन्होंने अब तक अपने बच्चों को स्कूल में प्रवेश नहीं दिलाया है वे जल्द प्रवेश कराएं और जो प्रवेश पा चुके हैं, वे प्रतिदिन स्कूल जाएं।
जागरण नए शिक्षा सत्र में दस परिषदीय स्कूलों की रंगत संवारेगा। उनमें संसाधनों की कमी को दूर करते हुए शिक्षा का ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जाएगी कि बच्चे खुशी खुशी पढ़ने आएं। स्कूल चलो अभियान की शुरुआत गोद लिए गए स्कूल नगला गोला के प्राथमिक विद्यालय से की गई। एक जागरूकता रैली सोमवार की सुबह स्कूल से निकाली गई। इसमें सबसे आगे ढोल नगाढ़े बजते हुए चल रहे थे, जिससे ग्रामीणों को दूर से ही रैली आने की जानकारी हो रही थी।
रैली का नेतृत्व खुद एसडीएम सदर संगम लाल यादव ने किया। वह गांव की गलियों में घूमे और कई जगह रुककर ग्रामीणों को बच्चों की शिक्षा के प्रति प्रेरित किया। उन्हें जानकारी दी कि सरकारी स्कूल में ड्रेस, बैग और किताबें मुफ्त में दी जाती हैं। स्कूल की व्यवस्थाएं भी पहले से बेहतर हो गई हैं। इसलिए जिन्होंने अब तक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा है, वे जल्द से जल्द एडमिशन कराएं।
पुरस्कृत हुए बच्चे
शिक्षा सत्र के पहले दिन स्कूल की प्रधानाचार्या कल्पना राजौरिया एवं स्टाफ ने स्कूल विदाई समारोह एवं प्रवेशोत्सव का आयोजन भी किया था। इसका शुभारंभ एसडीएम सदर और दैनिक जागरण के ब्यूरोचीफ डॉ. राहुल ¨सघई ने सरस्वती पूजन करके किया। सबसे पहले कक्षा पांच में प्रथम आए अनुज कुमार, द्वितीय आशिक कुमार और तृतीय शिवानी को ट्रॉफी व रिजल्ट कार्ड देकर सम्मानित किया गया। नियमित रूप से स्कूल आने वाली कक्षा तीन की छात्रा तान्या भी पुरस्कृत हुई। इस दौरान लेखपाल विजेंद्र ¨सह, सहायक अध्यापक ऋतु चौधरी, शिक्षामित्र ममता, प्रशिक्षु भावना, नीरज, मयंक राजौरिया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अमिला देवी, सावित्री देवी और प्रधान प्रतिनिधि मौजूद रहे ।
एसडीएम ने बच्चों के साथ खाया खाना
कार्यक्रम के अंत में एसडीएम सदर, दैनिक जागरण की टीम और स्कूल के स्टाफ ने बच्चों के साथ बैठकर खाना खाया। आयोजन को देखते हुए मटर पनीर की सब्जी और पूड़ी विशेष रूप से बनवाई गई थी। सभी बच्चों को केले भी वितरित किए गए।